अपना आधार तलाशता आधार कार्ड

पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने बड़े जोर-शोर से आधार कार्ड की शुरुआत की थी. इसे एक सर्वसक्षम परिचय-पत्र के रूप में प्रस्तुत कर प्रचारित किया गया और ऐसा बताया गया कि पहचान के लिए किसी अन्य दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी. लेकिन हकीकत यह है कि सरकारी काम-काज के लिए आधार का कोई मूल्य नहीं रह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 4, 2014 5:01 AM

पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने बड़े जोर-शोर से आधार कार्ड की शुरुआत की थी. इसे एक सर्वसक्षम परिचय-पत्र के रूप में प्रस्तुत कर प्रचारित किया गया और ऐसा बताया गया कि पहचान के लिए किसी अन्य दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी. लेकिन हकीकत यह है कि सरकारी काम-काज के लिए आधार का कोई मूल्य नहीं रह गया है.

वजह यह है कि आधार के साथ अन्य कागजात भी मांगे जाते हैं और बेवजह जनता को सांसत में डाल कर परेशान किया जाता है. एक ओर सरकार इसे अखबार, टीवी के माध्यम से समय-समय पर प्रचारित करती है, वहीं सरकारी कार्यालय और अधिकारी ही उसे पहचान का आधार मानने से इनकार करते हैं. जब यह एक पूर्ण परिचय पत्र है, तो सरकारी कार्यालयों और विभागों में ऐसी व्यवस्था लागू हो कि सिर्फ इसे ही हर तरह के पहचान के लिए स्वीकार किया जाये.

अनंत कुसिंह, पंडरा, रांची

Next Article

Exit mobile version