नासमझी की गजब मिसाल

अपने हालिया विदेश दौरे पर गये राहुल गांधी हमेशा की तरह संघ और भाजपा पर प्रहार करते दिखे. उन्होंने संघ को मुस्लिम ब्रदरहुड और आइएसआइएस की संज्ञा दी. ऐसे ही एक कार्यक्रम में उन्होंने 1984 के सिख विरोधी दंगे का जिक्र करते हुए अपनी पार्टी का और अपना बचाव किया था. उनके 1984 के दंगों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 28, 2018 11:22 PM

अपने हालिया विदेश दौरे पर गये राहुल गांधी हमेशा की तरह संघ और भाजपा पर प्रहार करते दिखे. उन्होंने संघ को मुस्लिम ब्रदरहुड और आइएसआइएस की संज्ञा दी. ऐसे ही एक कार्यक्रम में उन्होंने 1984 के सिख विरोधी दंगे का जिक्र करते हुए अपनी पार्टी का और अपना बचाव किया था.

उनके 1984 के दंगों पर दिये गये उस बयान का समर्थन करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने यह कहकर राहुल का बचाव किया था कि राहुल दंगे के वक्त स्कूल में पढ़ते थे, नासमझ थे. बात तो सही है, पर सवाल यह उठता है, जो व्यक्ति 1984 की घटना के समय नासमझ था, वह 1948 में महात्मा गांधी की हत्या के विषय में इतनी गहराई से कैसे जानता है कि गांधी जी की हत्या संघ ने करवायी? इसलिए जरूरी है कि हम ठोस नजरिया पेश करें, ताकि राजनीति के अंदर एक ठोस समझ विकसित हो सके.

सिद्धांत मिश्रा, पूरनपुर, उत्तर प्रदेश

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