यह बड़ी विडंबना है कि लंबे समय बाद भी केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दागी नेताओं के बारे में हलफनामे में कोई जानकारी नहीं दी है. ऐसा लगता है कि सरकार दागी छवि वाले नेताओं के मामले को लटकाना चाहती है.
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार देश के 51 सांसद और विधायक ऐसे हैं, जिन पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज हैं. वहीं, 38 प्रतिशत ऐसे हैं, जिन पर गंभीर आपराधिक केस चल रहे हैं. इनका त्वरित निष्पादन होना चाहिए. आपराधिक रिकॉर्ड वाले सांसदों और विधायकों के केस की सुनवाई के लिए विशेष न्यायालय गठित किया जाना चाहिए, ताकि राजनीतिक को अपराध, बेईमानी व भ्रष्टाचार से मुक्त किया जा सके. सरकार को इसे समझना ही होगा.
महेश कुमार, इमेल से