12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

राष्ट्रीय सुरक्षा से बड़ी नहीं है विचारधारा

ऐसे प्रत्येक समाज, जिसे हजारों वर्ष से दबाया जा रहा हो, उसके उत्थान एवं उसे मुख्यधारा में लाने के लिए जिस विचारधारा को कार्ल मार्क्स ने फैलाया, दुर्भाग्य से वह सत्ता परिवर्तन के नाम पर हिंसक आंदोलन करवाने और ऐसे हिंसक आंदोलनों में शामिल तत्वों के समर्थन तक सीमित रह गयी है. हाल ही में […]

ऐसे प्रत्येक समाज, जिसे हजारों वर्ष से दबाया जा रहा हो, उसके उत्थान एवं उसे मुख्यधारा में लाने के लिए जिस विचारधारा को कार्ल मार्क्स ने फैलाया, दुर्भाग्य से वह सत्ता परिवर्तन के नाम पर हिंसक आंदोलन करवाने और ऐसे हिंसक आंदोलनों में शामिल तत्वों के समर्थन तक सीमित रह गयी है.
हाल ही में भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच में जो तथ्य सामने आये हैं, वे यही इशारा करते हैं. विभिन्न वामपंथी विचारक इस षड्यंत्र में शामिल निकले. दुर्भाग्य से इसी विचारधारा के कुछ बुद्धिजीवी उनकी पैरवी करते नजर आये तथा इस गंभीर घटना को अभिव्यक्ति की आजादी पर तथाकथित हमला बताने लगे.
आखिर शिक्षित समाज में कैसे इस प्रकार की घटना के आरोपियों को हम केवल समान विचारधारा होने के नाते निर्दोष बता सकते हैं? आज देश को एकजुट करने तथा ऐसे षड्यंत्रों में शामिल व्यक्तियों को कानूनी दंड देने का समय है, न कि किसी अपराधी को सुरक्षा देने का.
सिद्धांत मिश्रा, पूरनपुर, उत्तर प्रदेश

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें