जल के साथ जलस्रोत भी हो रहे प्रदूषित
जल के साथ जलस्रोत भी प्रदूषण के शिकार हो गये हैं. शुद्धता के लिए किये जा रहे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे रहे हैं. तमाम स्वच्छता अभियान के बावजूद लोग स्वच्छता के प्रति जागरूक नहीं हो सके हैं. कुछ लोग अपनी गंदगी को घर से बाहर करके अपने दायित्व को समाप्त कर देते हैं. लापरवाही […]
जल के साथ जलस्रोत भी प्रदूषण के शिकार हो गये हैं. शुद्धता के लिए किये जा रहे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे रहे हैं. तमाम स्वच्छता अभियान के बावजूद लोग स्वच्छता के प्रति जागरूक नहीं हो सके हैं. कुछ लोग अपनी गंदगी को घर से बाहर करके अपने दायित्व को समाप्त कर देते हैं. लापरवाही का आलम यह है कि खुले में शौच खुलेआम होता है.
कई जगह मानव मल खुलेआम नालियों में डाल दिया जाता है. आसपास के गड्ढों में जमा होकर जलस्रोतों के रूप में कई घरों के कुएं व हैंडपंपों में जाता है. प्रदूषित जल सैकड़ों तरह की बीमारियों का कारक बन रहा है. इसके बावजूद नियंत्रण स्थापित करने जैसी कोई बात दिख नहीं रही है. नगरीय इलाके में भी सीवर का जल किसी न किसी नदियों में प्रवाहित कर दिया जाता है और कहा जाता है कि नदियों के बढ़ने के साथ प्रदूषण भी बढ़ते चले जाते हैं.
मिथिलेश कुमार, बलुआचक (भागलपुर)