शिक्षा का गिरता स्तर चिंताजनक

अगर शिक्षा को सिर्फ नौकरी पाने का जरिया समझा जायेगा, तो समाज में सिर्फ नौकर ही पैदा होंगे, मालिक नहीं, अब्दुल कलाम जी की यह पंक्ति आज की शिक्षा व्यवस्था पर तीखा व्यंग्य करती है. भारत की लगभग आधी आबादी युवाओं की है, इसलिए पूरी दुनिया आज भारत को भविष्य की महाशक्ति के रूप में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 7, 2018 6:11 AM

अगर शिक्षा को सिर्फ नौकरी पाने का जरिया समझा जायेगा, तो समाज में सिर्फ नौकर ही पैदा होंगे, मालिक नहीं, अब्दुल कलाम जी की यह पंक्ति आज की शिक्षा व्यवस्था पर तीखा व्यंग्य करती है.

भारत की लगभग आधी आबादी युवाओं की है, इसलिए पूरी दुनिया आज भारत को भविष्य की महाशक्ति के रूप में देख रही है, क्योंकि किसी देश की तरक्की में सर्वाधिक योगदान मानव संसाधन का ही होता है. हमारे युवाओं में शिक्षा का गिरता स्तर भयावह है. युवा शिक्षा को सिर्फ नौकरी पाने का ही माध्यम समझ बैठे हैं, जिससे वे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से काफी दूर होते जा रहे हैं.

शिक्षा मानव को संसाधन बनाता है तथा एक विकसित एवं सभ्य समाज का निर्माण करता है. सरकार व समाज, दोनों को शिक्षा के गिरते स्तर के बारे में गंभीर होना होगा और अपने मानव संसाधन का अधिकतम उपयोग करना होगा, तभी भारत विश्व की महाशक्ति बन सकेगा.

मोहम्मद इरफान, वासेपूर, धनबाद

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