दुष्कर्म शर्मनाक हिंसा

हर रोज कहीं न कहीं से अखबार में दुष्कर्म की खबरें पढ़ने को मिल रही हैं. हाल में ही विवाहिता महिला और एक इंजीनियरिंग की छात्र के यौन शोषण कांड में जेल के एक जेलर पर आरोप लगा है. ऐसी खबरें काफी आहत करती है. मोबाइल वॉयस काल, व्हाट्सएप पर वीडियो, फेसबुक और इमेल वगैरह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 19, 2018 6:44 AM

हर रोज कहीं न कहीं से अखबार में दुष्कर्म की खबरें पढ़ने को मिल रही हैं. हाल में ही विवाहिता महिला और एक इंजीनियरिंग की छात्र के यौन शोषण कांड में जेल के एक जेलर पर आरोप लगा है. ऐसी खबरें काफी आहत करती है. मोबाइल वॉयस काल, व्हाट्सएप पर वीडियो, फेसबुक और इमेल वगैरह यौन शोषण में अपनी भूमिका निभा रही है. कठोर सजा के प्रावधानों के बावजूद भी दुष्कर्म की घटनाएं थम नहीं रही हैं. ऐसे शिक्षित लोगों की जितनी निंदा की जाये, वह कम है.

यदि पुरुष स्त्रियों के प्रति मानवता व्यक्त नहीं करेगा, तो इस धरती पर चारों ओर निराशा फैल जायेगी. ऐसा लगता है कि प्रशासन और पुलिस टीम द्वारा ऐसा अपराध रोकना संभव नहीं हो रहा है. अत: इसको रोकने के लिए जनता में जागरूकता लाना बहुत जरूरी हो गया है.

देवकुमार सिंह, अमला टोला, चाईबासा

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