बेरोजगारी बड़ी चुनौती विशेष पहल की जरूरत
बेरोजगारी एक ऐसा मुद्दा है जिसे सभी राजनीतिक चुनाव में भुनाते हैं. युवाओं को रोजगार देने का वादा भी किया जाता है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है. देश के नौजवान बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं. औद्योगिक विकास की रफ्तार भी काफी धीमी है. बढ़ती जनसंख्या के बीच बेरोजगारी सरकार के लिए एक समस्या […]
बेरोजगारी एक ऐसा मुद्दा है जिसे सभी राजनीतिक चुनाव में भुनाते हैं. युवाओं को रोजगार देने का वादा भी किया जाता है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है. देश के नौजवान बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं.
औद्योगिक विकास की रफ्तार भी काफी धीमी है. बढ़ती जनसंख्या के बीच बेरोजगारी सरकार के लिए एक समस्या बन चुकी है. बेरोजगारी का आलम यह है कि चपरासी पद के लिए पीएचडी युवा भी आवेदन कर रहे हैं.
सरकार ने स्टार्टअप, मेक इन इंडिया, विदेशी निवेश जैसे कई कदम उठाये हैं, लेकिन बेरोजगारी कम होता नहीं दिख रहा है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में करीब 24 लाख नौकरियां दी जा सकती हैं लेकिन नौकरी देने में सरकार की कोई दिलचस्पी नहीं दिखती. इससे युवाओं में नाराजगी भी है.
(शिवेश मिश्रा, मुजफ्फरपुर)