गठबंधन की पूर्व परीक्षा
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के विधानसभा चुनावों में आप, कांग्रेस, सपा और बसपा आदि कई पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ने जा रही हैं. यह सही है कि इसमें शक्तिशाली पार्टी की ही जीत होगी. दूसरी ओर इन कई पार्टियों में वोट बंटने से भाजपा को लाभ हो सकता है. कांग्रेस और भाजपा को […]
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के विधानसभा चुनावों में आप, कांग्रेस, सपा और बसपा आदि कई पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ने जा रही हैं. यह सही है कि इसमें शक्तिशाली पार्टी की ही जीत होगी.
दूसरी ओर इन कई पार्टियों में वोट बंटने से भाजपा को लाभ हो सकता है. कांग्रेस और भाजपा को राष्ट्रीय स्तर की बड़ी पार्टी होने से भी लाभ हो सकता है. फिलहाल कांग्रेस कुछ ज्यादा ही डरी हुई है, क्योंकि वह अब अपने नेता कमलनाथ के जरिये मायावती से मिलने का भरसक प्रयास कर रही है. विधानसभाओं के इस चुनावों के बाद यह भी सामने होगा कि भविष्य में इन पार्टियों को गठबंधन की जरूरत है या नहीं?
भावी गठबंधन में मायावती भी पीएम पद की प्रबल दावेदार होंगी, क्योंकि उनका जनाधार भी अच्छा है. जिस पार्टी से जनता प्रभावित होगी, वही सफल होगी, लेकिन अभी जनता के सही मूड और समय का किसी को अंदाज नहीं है.
वेद मामूरपुर, नरेला