रोजगार का सवाल

देश में रोजगार की कमी को लेकर केंद्र सरकार लगातार सवालों के घेरे में है. देश में नौकरियां बढ़ी हैं या पहले से कम हुई हैं, इसे लेकर तस्वीर साफ नहीं है. बढ़ती जीडीपी भी बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करने में विफल रही है. शिक्षित युवाओं के सामने सबसे बड़ा संकट रोजगार का ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2018 1:00 AM

देश में रोजगार की कमी को लेकर केंद्र सरकार लगातार सवालों के घेरे में है. देश में नौकरियां बढ़ी हैं या पहले से कम हुई हैं, इसे लेकर तस्वीर साफ नहीं है. बढ़ती जीडीपी भी बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करने में विफल रही है. शिक्षित युवाओं के सामने सबसे बड़ा संकट रोजगार का ही है.

देश की कुल बेरोजगारी दर के मुकाबले ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और उससे ऊपर की शिक्षा पाये बेरोजगारों की दर छह गुना ज्यादा है. संभव है, 2019 के चुनाव की वजह से रोजगार के आंकड़े जारी नहीं हो रहे हैं. सालाना रोजगार-बेरोजगार सर्वे की 2016-17 की रिपोर्ट 18 महीनों से जारी नहीं की गयी है. आंकड़ों को सरकार के द्वारा जारी नहीं करने से समस्या का समाधान नहीं हो सकता. सरकार को इसके लिए आवश्यक कदम उठाने ही होंगे.

गुलाम गौस आसवी, धनबाद

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