9.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सुरक्षा पर ध्यान जरूरी

देश की आंतरिक सुरक्षा और सीमा की निगरानी के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण अर्द्धसैनिक बलों में बड़ी संख्या में पदों का रिक्त होना चिंताजनक है. हालांकि, बीते दो सालों में सवा लाख से ज्यादा नियुक्तियां हुई हैं, पर अब भी 55 हजार पद खाली हैं. लगभग 21 हजार रिक्तियां अकेले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) […]

देश की आंतरिक सुरक्षा और सीमा की निगरानी के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण अर्द्धसैनिक बलों में बड़ी संख्या में पदों का रिक्त होना चिंताजनक है.

हालांकि, बीते दो सालों में सवा लाख से ज्यादा नियुक्तियां हुई हैं, पर अब भी 55 हजार पद खाली हैं. लगभग 21 हजार रिक्तियां अकेले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में हैं. नक्सली गिरोहों से लेकर कश्मीर और पूर्वोत्तर में अतिवादियों से निपटने में सीआरपीएफ की टुकड़ियाें की पुलिस की मदद करने में बड़ी भूमिका रही है.

सीमा की निगरानी तथा घुसपैठ और तस्करी की रोकथाम की जिम्मेदारी निभानेवाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में भी करीब 16 हजार कर्मियों की बहाली होनी है. यही स्थिति सशस्त्र सीमा बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, असम राइफल्स और औद्योगिक सुरक्षा बल में भी है. इन छह अर्द्धसैनिक बलों में पांच फीसदी से ज्यादा पदों का खाली रहना यही इंगित करता है कि बड़ी संख्या में रिक्तियां लंबे समय से चली आ रही हैं. यह अंदरूनी सुरक्षा के मोर्चे पर मौजूद चुनौतियों से निबटने में बड़ी बाधा है.

इससे सुरक्षा बलों की कार्यक्षमता और उनके मनोबल पर भी नकारात्मक असर पड़ता है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सराहनीय पहल करते हुए विशेष भर्ती प्रक्रिया के तहत शीघ्र बहाली के आदेश दिये हैं. इसी के साथ पुलिस महकमे में भी खाली पड़े पदों पर भी ध्यान देना जरूरी है. इस साल जुलाई तक के आंकड़े बताते हैं कि पुलिस बल के करीब 22.5 लाख स्वीकृत पदों में से पांच लाख के करीब पद खाली हैं. पुलिस महकमे में सबसे अधिक पद (1.80 लाख) उत्तर प्रदेश में रिक्त हैं.

पश्चिम बंगाल और बिहार में भी खाली पदों की तादाद 30 हजार से ज्यादा है. पिछले साल सर्वोच्च न्यायालय ने अनेक राज्यों को अगस्त, 2020 तक भर्ती का निर्देश दिया था. अदालत ने कहा था कि एक बार पद विज्ञापित होने के बाद किसी खास चरण की बहाली पूरी होने तक पुलिस भर्ती बोर्ड के सदस्य न तो बदले जा सकेंगे और न ही उनका तबादला किया जा सकेगा. पुलिस विभाग में पदों पर देरी से बहाली और रिक्तियों की समस्या बहुत पुरानी है.

साल 2013 में सर्वोच्च न्यायालय में दी गयी एक याचिका में कहा गया था कि देश में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती हालत की एक वजह पुलिस महकमे में बड़ी तादाद में पदों का खाली होना है. अदालत के आदेश के बावजूद स्थिति में बहुत सुधार नहीं हुआ है. उत्तर प्रदेश में फिलहाल पुलिसकर्मियों के 30 फीसदी पद खाली हैं. इस समस्या के साथ अगर हम प्रशिक्षण और अन्य संसाधनों की कमी को जोड़ लें, तो यह समझना मुश्किल नहीं है कि आंतरिक सुरक्षा और निगरानी की मौजूदा व्यवस्था लचर क्यों है.

उम्मीद है कि अर्द्धसैनिक बलों की कमी को पूरा करने के लिए गृह मंत्री के और पुलिसकर्मियों के खाली पदों को भरने में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों को तत्परता से अमलीजामा पहनाया जायेगा तथा इस कोशिश में केंद्र और राज्य सरकारें परस्पर सहयोग के साथ अग्रसर होंगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें