मिट्टी के दीये जलाकर पर्यावरण की रक्षा करें
इस आधुनिक युग में भारत के विभिन्न पर्व-त्योहार पर फूलों एवं लाइटों की सजावट की जाती है. पूजा-पाठ में दीपक जलाने का चलन है. खासकर दीपावली में हर घर में दीये की रोशनी की जाती है, मगर इधर कुछ साल से चाइनीज झालर लाइट का उपयोग बहुत ज्यादा बढ़ गया है. इसका उपयोग कर हम […]
इस आधुनिक युग में भारत के विभिन्न पर्व-त्योहार पर फूलों एवं लाइटों की सजावट की जाती है. पूजा-पाठ में दीपक जलाने का चलन है. खासकर दीपावली में हर घर में दीये की रोशनी की जाती है, मगर इधर कुछ साल से चाइनीज झालर लाइट का उपयोग बहुत ज्यादा बढ़ गया है.
इसका उपयोग कर हम भारतवासी अपने ही देश में बेरोजगारी और गंदगी बढ़ा रहे हैं. चाइनीज लाइट का उपयोग करने से मिट्टी के दीये बनाने वाले बेरोजगार होते जा रहे हैं और हमारा पर्यावरण भी दूषित हो रहा है. अगर हमें स्वच्छ रहना है तो प्लास्टिक के फूलों का उपयोग भी बंद करना होगा. फूल भी पर्यावरण के अंग हैं. इसकी खुशबू व सुंदरता दोनों हमें खुशी देती है. इन सभी क्रियाओं से पर्यावरण का संरक्षण होता है. इसलिए दीपावली पर मिट्टी के दीये जलाने व फूलों से घर को सजाने का संकल्प लें.
रविरंजन कुमार, ई-मेल से