सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए बड़े पटाखों के फोड़ने पर पाबंदी लगायी थी. साथ ही पटाखों को फोड़ने की समय अवधि भी तय की थी. लेकिन यह नियम लोगों की समझ से परे नजर आया क्योंकि भारत के कई राज्यों, शहरों में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन हुआ.
रात 10 बजे के बाद पटाखों को फोड़ने की मनाही के बावजूद भी दिल्ली, नोएडा और अहमदाबाद जैसे शहरों की सड़कों पर देर रात तक लोग बड़ी संख्या में पटाखे फोड़ते रहे. आसमान में बड़े-बड़े पटाखों और राकेट की आतिशबाजी हुई. पुलिस ऐसे इलाकों से गायब ही नजर आयी.
पर्यावरण विभाग के अनुसार, पटाखों के धुएं का हवा में मिलने के कारण वायु गुणवत्ता पहले की तुलना में चार गुणा अधिक खराब हो गयी.
इसी कारण दीवाली की अगली सुबह प्रदूषित वायु के कोहरे की चादर दिखने को मिली. देश की जनता अपने स्वास्थ्य और पर्यावरण के प्रति बेपरवाह रही. ये बेपरवाही आनेवाली पीढ़ी के लिए महंगी साबित होनेवाली है.
अखिल सिंघल, नयी दिल्ली