पारा शिक्षकों की स्थायी सेवा
झारखंड में पारा शिक्षकों के मामले में एक बार फिर सरकार की नीति सामने आयी है. पिछले दिनों इनकी मांगों को लेकर रांची में हुई उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों ने उतर प्रदेश के शिक्षामित्रों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये आदेश का हवाला देते हुए कहा कि इन पारा शिक्षकों की सेवा स्थायी नहीं की […]
झारखंड में पारा शिक्षकों के मामले में एक बार फिर सरकार की नीति सामने आयी है. पिछले दिनों इनकी मांगों को लेकर रांची में हुई उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों ने उतर प्रदेश के शिक्षामित्रों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये आदेश का हवाला देते हुए कहा कि इन पारा शिक्षकों की सेवा स्थायी नहीं की जा सकती.
कितना आश्चर्य है कि सेवा स्थायी नहीं करने के लिए अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश मान्य है, मगर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये समान काम का समान वेतन देने का आदेश मान्य नहीं है, जबकि इस मामले में बनी उच्चस्तरीय कमेटी स्थायीकरण व वेतमान के लिए कई प्रदेशों में जाकर वहां की स्थिति व सर्कुलर देख चुकी है.
छत्तीसगढ़ में आज पारा शिक्षक स्थायी रूप से नियुक्त हो चुके हैं, जबकि बिहार व दिल्ली में इनका मानदेय यहां से दोगुने से भी अधिक है. झारखंड के अधिकारी कतई नहीं चाहते कि पारा शिक्षकों को न्याय मिले.
विनोद कुमार, चंद्रपुरा, बोकारो