धरती के भगवान : बिरसा मुंडा

झारखंड की धरती पर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आदिवासी युवा शक्ति को एकजुट कर संघर्ष करनेवाले बिरसा मुंडा ने अपनी लड़ाई की शुरुआत लगान की माफी के लिए की थी. उन्होंने 1894 में एक सफेद झंडे के तले उस समय अपना संघर्ष शुरू किया था, जब छोटानागपुर क्षेत्र में वर्षा की कमी के कारण अकाल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 16, 2018 6:30 AM
झारखंड की धरती पर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आदिवासी युवा शक्ति को एकजुट कर संघर्ष करनेवाले बिरसा मुंडा ने अपनी लड़ाई की शुरुआत लगान की माफी के लिए की थी.
उन्होंने 1894 में एक सफेद झंडे के तले उस समय अपना संघर्ष शुरू किया था, जब छोटानागपुर क्षेत्र में वर्षा की कमी के कारण अकाल की स्थिति बन गयी थी. उन्होंने पूरे तन-मन से लोगों की मदद की. अंग्रेजों ने उन्हें गिरफ्तार कर हजारीबाग केंद्रीय कारा में दो साल के लिए कैद कर दिया.
जेल से निकलने के बाद उन्होंने 400 से अधिक युवा आदिवासियों के साथ खूंटी थाने पर हमला बोला था. इसके बाद वे चक्रधरपुर से फिर पकड़ लिये गये. जेल में रहते हुए हैजे से ग्रसित होने के कारण 9 जून 1900 में धरती आबा बिरसा मुंडा शहीद हो गये. झारखंड राज्य की स्थापना भी बिरसा मुंडा के जन्म दिन पर ही की गयी.
देवेश कुमार ‘देव’, इसरी बाजार

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