हिंद महासागर में भारत के पड़ोसी देश मालदीव में मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी के मुहम्मद सोलिह की राष्ट्रपति के रूप में नियुक्ति भारत के साथ-साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सभी लोकतांत्रिक देशों के हित में है. उनके पूर्ववर्ती, अब्दुल्ला यामीन के विस्तारवादी चीन के गोद में जा बैठने के कारण भारत-मालदीव के ऐतिहासिक संबंधों की आभा क्षीण पड़ गयी थी.
बात इतनी बिगड़ गयी थी कि मालदीव की आधारभूत संरचनाओं के विकास में लगी भारतीय कंपनियों को अपने साजो सामान समेट लेने को कह दिया गया था, लेकिन नये राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण से परिस्थितियों में बदलाव आने की संभावना है. शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए आमंत्रित पीएम मोदी अपने शासनकाल में पहली बार मालदीव गये. आशा है कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में एक बार फिर उसी पुरानी ऊष्मा का संचार हो पायेगा.
चंदन कुमार, देवघर.