कहर बरपाते एक्सप्रेस-वे

विकास की रफ्तार ने तबाही की जो सौगात बांटी है, उससे बचने के लिए आत्मरक्षा से बेहतर कोई विकल्प नहीं. एक्सप्रेस-वे पर होने वाले हादसों में वाहनों की बेलगाम गति को जिम्मेदार मानना कतई गलत नहीं होगा. देश ने सड़क निर्माण तकनीक में विदेशी जानकारियों के साथ तरक्की को नयी ऊंचाई हासिल की हैं. इसलिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 27, 2018 6:03 AM
विकास की रफ्तार ने तबाही की जो सौगात बांटी है, उससे बचने के लिए आत्मरक्षा से बेहतर कोई विकल्प नहीं. एक्सप्रेस-वे पर होने वाले हादसों में वाहनों की बेलगाम गति को जिम्मेदार मानना कतई गलत नहीं होगा. देश ने सड़क निर्माण तकनीक में विदेशी जानकारियों के साथ तरक्की को नयी ऊंचाई हासिल की हैं.
इसलिए संभावित तबाही के लिए हाइ-वेज की बनावट और सजावट में दोष ढूंढना सही नहीं होगा. गौर करने वाली बात यह है कि यातायात नियमों के प्रति क्या हम जागरूक हैं? सरकार यातायात जागरूकता के लिए कितनी संवेदनशील है? एक्सप्रेस-वे पर होने वाली जान-माल की बर्बादी के लिए व्यवस्था को एकदम से दोष मुक्त करार देना भी जल्दबाजी होगी.
इन खूबसूरत एक्सप्रेस-वेज पर युवाओं में सेल्फी और स्टंट्स की बढ़ती दीवानगी पर सरकारी की ढीली नकेल ने हादसों को हवा दी है. लिहाजा हमारी लापरवाह और बिंदास जीवनशैली पर सरकार को सख्त नजर रखनी होगी, ताकि हम कहर बरपाते एक्सप्रेस-वे पर बेफिक्र सुरक्षित चल सकें.
एमके मिश्रा, मां आनंदमयीनागर, रातू, रांची.

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