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देश से माफी मांगें योगी
विधानसभा चुनावों में सभी पार्टियां एक दूसरे पर कीचड़ उछाल रही हैं. राजनीतिक में सबसे बड़ी तल्खी तब आ गयी, जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान को भी जाति में बांटने से परहेज नहीं किया. योगी ने राजस्थान विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भगवान हनुमान को आदिवासी और दलित कह दिया. योगी […]
विधानसभा चुनावों में सभी पार्टियां एक दूसरे पर कीचड़ उछाल रही हैं. राजनीतिक में सबसे बड़ी तल्खी तब आ गयी, जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान को भी जाति में बांटने से परहेज नहीं किया.
योगी ने राजस्थान विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भगवान हनुमान को आदिवासी और दलित कह दिया. योगी के इस बयान से एक नयी राजनीतिक बहस छिड़ गयी है. चुनाव में जातीय समीकरण साधने की राजनीतिक आपाधापी के बीच योगी के इस बयान ने जातिवाद की आग में घी डालने का काम किया है.
योगी भारतीय जनता पार्टी के नेता होने के साथ-साथ यूपी के मुख्यमंत्री भी है और मुख्यमंत्री के मुख से ऐसी बात शोभा नहीं देती. जहां एक ओर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को जातिवाद को मिटाने के लिए काम करना चाहिए, वहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जातिवाद के नाम पर इंसान तो इंसान, भगवान को भी बांट दिया. अगर देश और राज्य सरकार के मुखिया ही इस तरह बयान दें, तो फिर उस जनता क्या करेगी? इन नेताओं के कार्यकर्ता और समर्थक कैसी सामाजिक-राजनीतिक जिम्मेवारी निभायेंगे? अत: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपने इस बयान के लिए देश और जनता से माफी मांगना चाहिए.
अभिजीत मेहरा, गोड्डा
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