स्कूल में पढ़ाई पर भारी भोजन

पिछले 10 वर्षो से जारी एमडीएम यानी मध्याह्न् भोजन योजना को अपने साथ मिला कर सर्व शिक्षा अभियान को केंद्र सरकार की एक सफल योजना माना जा सकता है. इसके अंतर्गत आगे चल कर पाठ्य पुस्तकों का नि: शुल्क वितरण भी जुड़ा. लेकिन कुल मिला कर शिक्षा की वर्तमान स्थिति में बहुत ज्यादा सुधार देखने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 18, 2014 7:01 AM

पिछले 10 वर्षो से जारी एमडीएम यानी मध्याह्न् भोजन योजना को अपने साथ मिला कर सर्व शिक्षा अभियान को केंद्र सरकार की एक सफल योजना माना जा सकता है. इसके अंतर्गत आगे चल कर पाठ्य पुस्तकों का नि: शुल्क वितरण भी जुड़ा. लेकिन कुल मिला कर शिक्षा की वर्तमान स्थिति में बहुत ज्यादा सुधार देखने को नहीं मिला, बल्कि कहा जाए तो इससे शिक्षा में गुणात्मक हृास ही हुआ है.

इसके पीछे कई मामूली वजहें रहीं. विद्यालयों में शिक्षकों के घोर अभाव, ग्राम शिक्षा समिति में शिक्षाप्रेमी सदस्यों की कमी तथा अनुपयुक्त शिक्षण सामग्री ने उक्त अभियान को लक्ष्य से भटका दिया. किसी विद्यालय में पिछले 10 वर्षो से पढ़ाई-लिखाई का नहीं, सिर्फ भवन एवं मध्याह्न् भोजन का निरीक्षण होता रहा. अनियमितता के आरोप में शिक्षक वेतन वर्जित व निलंबित होते रहे.

महादेव महतो, ई-मेल से

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