खर्चीली शादियों का प्रचलन

समाज में यूं तो अनेक कुरीतियां प्रचलित हैं, पर उन सब में खर्चीली शादियों का प्रचलन अधिक भयावह है. इस महंगाई के जमाने में ईमानदारी से कमाने वाला उतना ही अर्जित कर सकता है जिस में गुजारा हो सके और किसी प्रकार बच्चों को पढ़ाया भर जा सके. बचत की कोई गुंजाइश नहीं रहती. लड़कियों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2018 6:32 AM

समाज में यूं तो अनेक कुरीतियां प्रचलित हैं, पर उन सब में खर्चीली शादियों का प्रचलन अधिक भयावह है. इस महंगाई के जमाने में ईमानदारी से कमाने वाला उतना ही अर्जित कर सकता है जिस में गुजारा हो सके और किसी प्रकार बच्चों को पढ़ाया भर जा सके.

बचत की कोई गुंजाइश नहीं रहती. लड़कियों की शादी के लिए जो अतिरिक्त पैसा चाहिए, इसका जुगाड़ बिठाने में बेईमानी, ठगी, रिश्वत जैसे तरीके ढूंढने पड़ते हैं. जिनकी आत्मा यह सब करने के लिए सहमत नहीं होती, उन्हें महंगी ब्याज पर कर्ज लेना पड़ता है जिसको चुका सकने तक की संभावना नहीं रहती. इस कुचक्र को तोड़ने के लिए समाज में व्यापक जागरूकता की जरूरत है.

अवधूत कुमार झा, मधुपुर

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