टेंशन बहुत है यार!
मुकुल श्रीवास्तव टिप्पणीकार sri.mukul@gmail.com ‘टेंशन बहुत है यार!’ आपने भी यह जुमला सुना होगा और तनाव को महसूस भी किया होगा. तनाव यूं तो स्वास्थ्य के लिए अच्छी बात नहीं है, पर अगर जिंदगी में आगे बढ़ना हो, तो थोड़ा तनाव तो लेना ही पड़ेगा. टेंशन हम-सबकी जिंदगी का हिस्सा है, कुछ कम या ज्यादा.हम […]
मुकुल श्रीवास्तव
टिप्पणीकार
sri.mukul@gmail.com
‘टेंशन बहुत है यार!’ आपने भी यह जुमला सुना होगा और तनाव को महसूस भी किया होगा. तनाव यूं तो स्वास्थ्य के लिए अच्छी बात नहीं है, पर अगर जिंदगी में आगे बढ़ना हो, तो थोड़ा तनाव तो लेना ही पड़ेगा. टेंशन हम-सबकी जिंदगी का हिस्सा है, कुछ कम या ज्यादा.हम अपने जीवन से तनाव को हमेशा के लिए खत्म तो नहीं कर सकते हैं, पर इसको कम जरूर कर सकते हैं.
तनाव का मतलब है चिंता. अब जिंदगी है तो चिंताएं भी होंगी. यूं कहें कि ‘थोड़ा है थोड़े की जरूरत है’. इस प्रतिस्पर्धा वाले युग में मस्त होकर जीवन तो गुजारा नहीं जा सकता है.
मसलन, अगर पढ़ाई का तनाव नहीं लेंगे तो परीक्षा वाले दिन और ज्यादा तनाव होगा कि काश रोज कुछ पढ़े होते, तो परीक्षा वाली रात कयामत की रात न होती. रोज पढ़कर हम परीक्षा के तनाव को खत्म तो नहीं कर सकते, पर कम जरूर कर सकते हैं. आज कंप्यूटर का जमाना है, पर इसकी हार्ड डिस्क कब क्रैश हो जाये, क्या पता. अगर हम सारे डाटा का बैकअप रखेंगे, तो हार्ड डिस्क क्रैश होने पर भी तनाव ज्यादा नहीं होगा.
हमारी प्रगति में तनाव की बड़ी भूमिका है. जब काम हमारे हिसाब से नहीं होता, तब हमें तनाव होता है और तब हम बेहतर करने की कोशिश करते हैं. जो लोग तनाव से हार मानकर हथियार डाल देते हैं, वे जीवन में कुछ खास नहीं कर पाते. जो तनाव से लड़ते हैं, वे बड़े लीडर या आविष्कारक बन जाते हैं.जिन्हें दुनिया पहचानती है. न्यूटन इसकी मिसाल हैं.
हम अगर आज आगे बढ़ रहे हैं, तो मेहनत के अलावा तनाव भी इसके लिए जिम्मेदार है, जो आपको बगैर काम खत्म हुए चैन से बैठने नहीं देता. यह तनाव का पॉजिटिव इफेक्ट है, पर अगर आप सिर्फ तनाव ले रहे हैं और काम नहीं कर रहे हैं, तो समझ लीजिये कि आप मुश्किल में हैं.
काम का जिक्र करना और जिक्र की फिक्र करना खुद में एक समस्या है. ऐसे लोग अक्सर यह बोलते सुने जाते हैं बड़ी टेंशन है यार. तनाव सभी को है, पर उसका जिक्र सबसे करके क्या फायदा? अगर तनाव आपको बहुत ज्यादा है, तो उसका जिक्र उन लोगों से कीजिये, जो आपके अपने हैं और ऐसे ही लोग आपको तनाव से निकाल पायेंगे, मगर ध्यान रहे कि आपको उन पर भरोसा करना पड़ेगा.
तनाव एक स्टेट आफ माइंड है, पर इसे आप मैनेज कर सकते हैं. जब आप किसी मसले पर ज्यादा देर तक चिंता के साथ सोचते हैं, तो वह तनाव हो जाता है. इसे जरूरत से ज्यादा मत बढ़ने दीजिये और समय रहते इसका मैनेजमेंट कीजिये.तनाव को मैनेज करने का हर इंसान का अपना अलग तरीका होता है.
कोई गाने सुनता है, तो कोई लॉन्ग ड्राइव पर जाता है. तो आपको जब लगे कि तनाव ज्यादा बढ़ रहा है, तो वह काम करें, जो आपको पसंद हो. उसके बाद देखिये कि कैसे आपका सारा तनाव छू-मंतर हो जायेगा. जैसे खाने में स्वाद बढ़ाने के लिए मसालों का इस्तेमाल होता है, वैसे ही जिंदगी का असली मजा तो तभी है, जब उसमें थोड़ा-बहुत मसाला हो.