मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर अंकुश जरूरी
आये दिन भीड़ द्वारा हत्या की खबरें सामने आ रही हैं. तीन दिसंबर को उतर प्रदेश के बुलंदशहर में भीड़ ने इंस्पेक्टर सुबोध तथा सुमित नाम के युवक की जान ले ली. मजहब के नाम पर बेजुबान जानवर का कत्ल कहां तक उचित है. भीड़ द्वारा हत्या में प्रायः मानव क्षति देखने को मिला है. […]
आये दिन भीड़ द्वारा हत्या की खबरें सामने आ रही हैं. तीन दिसंबर को उतर प्रदेश के बुलंदशहर में भीड़ ने इंस्पेक्टर सुबोध तथा सुमित नाम के युवक की जान ले ली. मजहब के नाम पर बेजुबान जानवर का कत्ल कहां तक उचित है.
भीड़ द्वारा हत्या में प्रायः मानव क्षति देखने को मिला है. यह सोचनीय बात है कि शिक्षा दर बढ़ने के बावजूद भी ऐसी घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. प्रतिदिन सांप्रदायिक दंगे किसी न किसी शहर को अपना ग्रास बनाते जा रहे हैं.
प्रशासन की लापरवाही कुछ दिन पहले ही उतर प्रदेश में विवेक हत्याकांड के दौरान देखा गया. भीड़ को सबक सिखाने की जरूरत है. धर्म के नाम पर पशु हत्यारे को दंडित अवश्य करना चाहिए. गाय को भेदभाव करते कभी नहीं देखा गया तो फिर हम क्यों अंतर कर रहे हैं? उसे धर्म की भट्ठी में क्यों झोंका जा रहा है?
नेहा कुमारी, दिल्ली विश्वविद्यालय