लोकतंत्र बर्थ पार्टी जैसी

आज लोकतंत्र बर्थडे पार्टी की तरह हो गयी है. हर कोई केक में से अपना टुकड़ा हासिल कर लेना चाहता है. सरकारी कर्मचारी ज्यादा वेतन के साथ आय के दूसरे रास्ते, किसान ऋण माफी, युवा बेरोजगार रोजगार की गारंटी, डॉक्टर बढ़े वेतन के साथ प्रैक्टिस की छूट, एससी-एसटी ज्यादा आरक्षण चाहते हैं. इन सब के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 17, 2018 11:44 PM
आज लोकतंत्र बर्थडे पार्टी की तरह हो गयी है. हर कोई केक में से अपना टुकड़ा हासिल कर लेना चाहता है. सरकारी कर्मचारी ज्यादा वेतन के साथ आय के दूसरे रास्ते, किसान ऋण माफी, युवा बेरोजगार रोजगार की गारंटी, डॉक्टर बढ़े वेतन के साथ प्रैक्टिस की छूट, एससी-एसटी ज्यादा आरक्षण चाहते हैं.
इन सब के बीच देश की व्यवस्था बिगड़े तो बिगड़े, हमें तो अपना हिस्सा चाहिए. हमारी खुशकिस्मती है कि देश में प्रो-एक्टिव सरकार है, जो काम करना-फैसले लेना जानती है, लेकिन काम करने वाली सरकार किसे चाहिए? जनता सरकार के त्वरित फैसलों से तालमेल नहीं बैठा पा रही है.
वर्तमान में जैसी चुनौतियां हैं, उनसे निबटने के लिए त्वरित फैसले होने चाहिए. क्या बड़े हित को देखते हुए छोटे हित त्यागे नहीं जा सकते?
नवीन कुमार सिन्हा, इमेल से

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