हार्ट अटैक, पैरालिसिस, डाइबिटी, बीपी और इस तरह की तमाम बीमारियां, जो पहले बुढ़ापे की मानी जाती थीं, आजकल कम उम्र के लोगों में भी पायी जाती है. इसका प्रतिशत भले ही कम हो, पर यह एक खतरनाक भविष्य का संकेत जरूर है. हमारी वर्तमान विचित्र जीवनशैली ही इसका मूल कारण है.
उचित एवं समय पर खान-पान, गहरी नींद, व्यसनों से दूरी, तनावरहित जीने की कोशिश, सकारात्मकता, प्रकृति के साथ लयबद्धता यही सब उपाय कर हम अपने आपको इन बीमारियों से बचा सकते है. अब भी समय है. हमें सचेत होना चाहिए, अन्यथा हम गहरे संकट में पड़ सकते हैं.
विनय मोघे, चिंचवाड़, पुणे