ठंड से मौत

कुछ ही दिनों पहले भूख से मौत की खबरों ने मानस में एक क्रोध और चिंता की लकीरें खींची थीं और अब ठंड से गरीबी एवं अभाव झेल रहे लोगों की मौत की खबरों ने सरकार व प्रशासन पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है. कड़ाके की ठंड गरीब के लिए कहर लेकर आता है. कंबल के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 26, 2018 6:45 AM
कुछ ही दिनों पहले भूख से मौत की खबरों ने मानस में एक क्रोध और चिंता की लकीरें खींची थीं और अब ठंड से गरीबी एवं अभाव झेल रहे लोगों की मौत की खबरों ने सरकार व प्रशासन पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है. कड़ाके की ठंड गरीब के लिए कहर लेकर आता है. कंबल के वितरण में देरी हर साल की तरह एक आम बात बन गयी है.
अलाव की भी माकूल और पर्याप्त व्यवस्था नहीं दिखाई देती. भोजन और कपड़े के अभाव में गरीबों और कमजोर तबके के लोगों की मौत किसी भी सभ्य समाज के लिए एक अभिशाप है, कलंक है. इस तरह की मौत न हो, इसकी अपेक्षा एक संवेदनशील समाज तो करता ही है. अगर यह भी हम नहीं रोक सकें, तो एेसे पढ़े-लिखे समाज, विकास और प्रशासन का क्या फायदा?
युगल किशोर, इमेल से

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