निश्चित अवधि में पूरी हो सजा

बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराधों के लिए कानून में कठोर सजा के प्रावधान किये गये हैं. साथ ही बच्चों की अश्लील फिल्मों और सामग्री की उपलब्धता पर भी कठोरता से अंकुश लगाने की पहल हुई है. केंद्र सरकार ने बच्चों के यौन अपराधों से सुरक्षा कानून में व्यापक संशोधन करने और बच्चों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 3, 2019 7:54 AM
बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराधों के लिए कानून में कठोर सजा के प्रावधान किये गये हैं. साथ ही बच्चों की अश्लील फिल्मों और सामग्री की उपलब्धता पर भी कठोरता से अंकुश लगाने की पहल हुई है. केंद्र सरकार ने बच्चों के यौन अपराधों से सुरक्षा कानून में व्यापक संशोधन करने और बच्चों के साथ यौन अपराध करने वालाें को मौत की सजा का प्रावधान करने का निश्चय किया है. लेकिन, सवाल यह है कि क्या कानून में संशोधन करके ऐसे अपराधों के लिए कठोर सजा करना ही पर्याप्त है?
दिसंबर 2012 में हुए निर्भया कांड के बाद सजा को अत्यधिक कठोर बनाया गया, लेकिन अभी तक बलात्कारी और हत्या के दोषियों के खिलाफ मौत की सजा पर अमल नहीं हो सका है. बलात्कार के आरोपी को सजा देने की समूची कानून व्यवस्था एक निश्चित अवधि में पूरा करने के प्रावधान की आवश्यकता है. निश्चित अवधि के अभाव में कठोर सजा का प्रावधान भी बेमानी लगता है.
अभिजीत मेहरा, गोड्डा

Next Article

Exit mobile version