नियोजित शिक्षकों की समस्याओं का निराकरण हो
वर्तमान लोक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा के बीच किसी भी सरकार के लिए शैक्षणिक गुणवत्ता का विकास करना व एक दूरगामी लक्ष्य निर्धारित करना महत्वपूर्ण होता है, जिसे वर्तमान नियोजित शिक्षक के संदर्भ में समझना जरूरी है. नियोजित शिक्षक या शिक्षा का विषय हमारी वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था के केंद्र बिंदु में प्रवेश के लिए संघर्ष […]
वर्तमान लोक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा के बीच किसी भी सरकार के लिए शैक्षणिक गुणवत्ता का विकास करना व एक दूरगामी लक्ष्य निर्धारित करना महत्वपूर्ण होता है, जिसे वर्तमान नियोजित शिक्षक के संदर्भ में समझना जरूरी है. नियोजित शिक्षक या शिक्षा का विषय हमारी वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था के केंद्र बिंदु में प्रवेश के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इसके परिप्रेक्ष्य में समान काम समान वेतन, सेवा शर्त, ऐच्छिक स्थानांतरण आदि कई मुद्दे हमारी राजनीतिक व्यवस्था में सकारात्मक भूमिका के रूप में अपना अस्तित्व तलाश रहे है़ं
इन मुद्दों का अंतर्संबंध हम शैक्षणिक गुणवत्ता, योग्यता या नियोजन प्रक्रिया से नकारात्मक रूप से नहीं जोड़ सकते हैं. अत: सरकार से आग्रह है कि लोक कल्याणकारी राज्य की भूमिका का निर्वाह करते हुए शैक्षणिक गुणवत्ता को ध्यान में रखकर नियोजित शिक्षकों की सारी समस्याओं के समाधान पर विचार करे.
कमलेश कुमार, शिक्षक (मुजफ्फरपुर)