ट्रंप की हठधर्मिता
अमेरिकी लोकतंत्र का करीब ढाई सौ साल होने जा रहा है. अबतक तो उसे परिपक्व हो जाना चाहिए था, मगर वहां के राष्ट्रपतियों की हठधर्मिता एवं घमंड के कारण कई दफा उस देश को आर्थिक रूप से परेशानियों को सामना करना पड़ा है. पिछले 22 दिसंबर से राष्ट्रपति की जिद की वजह से वहां का […]
अमेरिकी लोकतंत्र का करीब ढाई सौ साल होने जा रहा है. अबतक तो उसे परिपक्व हो जाना चाहिए था, मगर वहां के राष्ट्रपतियों की हठधर्मिता एवं घमंड के कारण कई दफा उस देश को आर्थिक रूप से परेशानियों को सामना करना पड़ा है.
पिछले 22 दिसंबर से राष्ट्रपति की जिद की वजह से वहां का आंतरिक काम-काज धन के अभाव में ठप पड़ा है. आज 21-24 दिन हो गये. इतने लंबे समय तक कभी आर्थिक शटडाउन की स्थिति वहां नहीं हुई थी. राष्ट्रपति ट्रंप किसी की सुनना नहीं चाहते. उन्हें बस मेक्सिको सीमा पर दीवार बनानी है. विपक्षी डेमोक्रेट्स के साथ सत्ताधारी रिपब्लिकन लोग भी ट्रंप को ऐसा करने नहीं देना चाहते.
ट्रंप हर काम चुनावी घोषणापत्र के हिसाब से करना चाहते हैं. वह राष्ट्रीय आपातकाल भी लगाने की बात कर रहे हैं. सबसे बड़ी बात कि इस विषम स्थिति से खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. निश्चित रूप से उनकी लोकप्रियता लगातार घटी है. तीन नवंबर 2020 में होने वाला चुनाव उनका भविष्य निश्चित करेगा. बहुत संभव है, उससे पहले उन पर महाभियोग चले.
जंग बहादुर सिंह, गोलपहाड़ी, जमशेदपुर