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शिक्षा व्यवस्था की स्थिति
असर 2018 की रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि देश में प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च विद्यालय में शिक्षा, शिक्षक और पठन-पाठन की स्थिति चिंताजनक है. प्राथमिक विद्यालय के कक्षा दो के विद्यार्थियों को अक्षर ज्ञान तक नहीं है. वहीं माध्यमिक विद्यालय के कक्षा पांच के विद्यार्थियों को गणित के साधारण घटाव, भाग की जानकारी नहीं […]
असर 2018 की रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि देश में प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च विद्यालय में शिक्षा, शिक्षक और पठन-पाठन की स्थिति चिंताजनक है. प्राथमिक विद्यालय के कक्षा दो के विद्यार्थियों को अक्षर ज्ञान तक नहीं है. वहीं माध्यमिक विद्यालय के कक्षा पांच के विद्यार्थियों को गणित के साधारण घटाव, भाग की जानकारी नहीं है.
कक्षा सात-आठ के बच्चे भी हिंदी के बहुत ही साधारण वाक्य और गद्य भी पढ़ने में असहज और असफल पाये गये. झारखंड में भी पठन-पाठन की स्थिति अच्छी नहीं है. ऐसे प्राथमिक विद्यालय लगभग 60 प्रतिशत हैं, जहां मात्र कुल 60-70 बच्चों का नामांकन हैं, उपस्थिति उससे कम है.
मध्य एवं उच्च विद्यालय में अनेक विषयों के शिक्षकों की व्यवस्था नहीं है. सरकारी स्कूलों में शिक्षा की व्यवस्था और गुणवत्ता एक दर्दनाक कहानी है.
युगल किशोर, इमेल से
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