युवाओं के साथ बुजुर्गों की सुविधा का भी रखें ध्यान

देश बदल रहा है, परंपरा बदल रही है और संस्कार भी बदल रहे हैं. आजकल शादी समारोहों में बफर सिस्टम (खड़ा होकर खाना खाने का प्रचलन) वाली नयी व्यवस्था शहर से लेकर गांव तक में पांव पसार चुकी है, परंतु इस तरह के भोज खाने में बुजुर्ग पुरुष व महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2019 1:15 AM
देश बदल रहा है, परंपरा बदल रही है और संस्कार भी बदल रहे हैं. आजकल शादी समारोहों में बफर सिस्टम (खड़ा होकर खाना खाने का प्रचलन) वाली नयी व्यवस्था शहर से लेकर गांव तक में पांव पसार चुकी है, परंतु इस तरह के भोज खाने में बुजुर्ग पुरुष व महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. शादी जैसे समारोह में लोग नव जोड़े को आशीर्वाद देने और अपने आनंद के दिनों को याद करने आते हैं.
लेकिन, कुछ स्टाइलिश परंपरा बुजुर्ग पुरुष, महिलाएं व दिव्यांगों को परेशानी में डाल देता है. बैठ कर खाना खाने की पुरानी व्यवस्था को लगभग हर व्यक्ति बेहतर मानता है, लेकिन जब घर में समारोह का आयोजन हो तो लोग बफर सिस्टम ही अपनाते हैं. ऐसे में बुजुर्ग व युवा दोनों की सुविधाओं को ख्याल रख हम पुरानी के साथ नयी परंपरा को लेकर चल सकते हैं.
यशोदा पॉल, नवाबगंज, मनिहारी (कटिहार)

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