भाजपा तानाशाही रवैये पर उतरी
जिस महंगाई ने कांग्रेस को सबसे खराब दिन दिखा दिया, जिस महंगाई के खिलाफ प्रचार करके भाजपा ने पूर्ण बहुमत पाया वह तो अब भी जारी है. रेल भाड़े में 14.2 और माल भाड़े में 6.5 प्रतिशत बढ़ोतरी कर भाजपा ने महंगाई को और भड़का दिया. पिछले 20 वर्षो में रेल भाड़ा और माल भाड़ा […]
जिस महंगाई ने कांग्रेस को सबसे खराब दिन दिखा दिया, जिस महंगाई के खिलाफ प्रचार करके भाजपा ने पूर्ण बहुमत पाया वह तो अब भी जारी है. रेल भाड़े में 14.2 और माल भाड़े में 6.5 प्रतिशत बढ़ोतरी कर भाजपा ने महंगाई को और भड़का दिया. पिछले 20 वर्षो में रेल भाड़ा और माल भाड़ा में इतनी बढ़ोतरी एक झटके में कभी नहीं हुई थी.
इससे साधारण और स्लीपर वर्ग में यात्रा करने वालों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा, वहीं माल भाड़ा बढ़ाने से कोयला, अनाज, तेल, फल, सब्जियां, सीमेंट, लोहा आदि वस्तुओं के दाम भी बढ़ेंगे जिसका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा. महंगाई की मार से परेशान आम जनता को और परेशानी ङोलनी पड़ेगी.
अभी सरकार गठन को एक माह ही हुए हैं और इसके वादों की कलई उतरने लगी है. अभी आम बजट आना बाकी है. अगर आम बजट में भी इसी तरह कीमतों में बढ़ोतरी हुई, तो यह तय है कि देश में कुपोषित लोगों की संख्या बढ़ेगी और भूख से हो रही मौतों में तेजी आयेगी. पूरे चुनाव प्रचार में मोदी जी महंगाई को लेकर कांग्रेस की खिंचाई करने का कोई मौका छोड़ते नहीं थे.
चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने देश से वादा किया था कि सत्ता में आते ही महंगाई कम करेंगे, लेकिन हुआ उलटा. रेल भाड़े में बढ़ोतरी ने यह साबित कर दिया कि कांग्रेस और भाजपा की नीति एक ही है. अगर रेल भाड़ा बढ़ाना इतना ही जरूरी था तो इस मुद्दे को संसद के पटल पर रखना चाहिए था और चर्चा की जानी चाहिए थी. लेकिन ऐसा न करके भाजपा ने उन आशंकाओं को बल दिया है कि मोदी सरकार तानाशाही करेगी. फिलहाल, यह आशंका सही साबित होती दिख रही है.
गणोश सीटू, ई-मेल से