रहें जागरूक, धर्म को सत्ता की चाबी न बनने दें

सभी धर्मों के लोग अपनी आस्था के प्रति उदारता का भाव रखते हैं और अपने धर्म का पालन बड़े सम्मान से करते हैं. कानून के किताब अर्थात संविधान में धर्मों को राजनीति से मुक्त किया गया है, परंतु आज के राजनीतिज्ञ धर्मों को सत्ता की चाबी बनाकर राजनीति का ताला खोलते हैं. इसके प्रति जनता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 4, 2019 7:46 AM
सभी धर्मों के लोग अपनी आस्था के प्रति उदारता का भाव रखते हैं और अपने धर्म का पालन बड़े सम्मान से करते हैं. कानून के किताब अर्थात संविधान में धर्मों को राजनीति से मुक्त किया गया है, परंतु आज के राजनीतिज्ञ धर्मों को सत्ता की चाबी बनाकर राजनीति का ताला खोलते हैं.
इसके प्रति जनता को जागरूक होना पड़ेगा. लंबे समय से चले आ रहे अयोध्या विवाद आज भी वोट बैंक की राजनीति के बीच उलझा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट का निर्णय दिन-प्रतिदिन कैलेंडर के साथ कदमताल करते हुए बढ़ता जा रहा है. तत्पश्चात, अगर फैसला किसी एक के पक्ष में होता है तो प्रत्यक्ष रूप से विवाद समाप्त हो जायेगा, लेकिन मन के अंदर में बैठे विषाद समाप्त नहीं हो पायेंगे. बेहतर तो होता कि दोनों पक्ष एक-दूसरे की सहमति से कोई निर्णय कर सहिष्णुता भरा कदम उठाते.
अभिनव कुमार, लोहिया नगर (बेगूसराय)

Next Article

Exit mobile version