पूर्ण नशाबंदी के लिए लोग बढ़-चढ़कर आगे आएं

सामाजिक दायित्व के प्रति सरकारी प्रतिबद्धता, कानूनी क्रियान्वयन की लचीली व्यवस्था और आदत से परेशान शराब के लती के बीच बिहार की शराबबंदी नीति बाधित हो रही है. शराबबंदी सरकार का एक बहुत ही अच्छा सकारात्मक कदम है, जिससे समाज में सुधार के साथ बड़ा बदलाव आ सकता है. इस विकासवादी नीति को जिस तरह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 13, 2019 6:15 AM

सामाजिक दायित्व के प्रति सरकारी प्रतिबद्धता, कानूनी क्रियान्वयन की लचीली व्यवस्था और आदत से परेशान शराब के लती के बीच बिहार की शराबबंदी नीति बाधित हो रही है.

शराबबंदी सरकार का एक बहुत ही अच्छा सकारात्मक कदम है, जिससे समाज में सुधार के साथ बड़ा बदलाव आ सकता है. इस विकासवादी नीति को जिस तरह गति देने की जरूरत थी, धरातल पर वैसा हो न सका. परिणाम सकारात्मक तो है परंतु संपूर्णता में नहीं दिख रहा है.

आवश्यकता तो इस बात की थी कि शराबबंदी से आगे बढ़कर नशाबंदी की ओर कदम बढ़ाया जाता. लेकिन, कुछ लोग शराब का विकल्प नशा में तलाश रहे हैं, तो कुछ लोग किसी न किसी कीमत पर शराब मुहैया कराने एवं पाने के लिए कटिबद्ध रहते हैं.

मिथिलेश कुमार, बलुआचक (भागलपुर)

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