डिग्री नहीं, काबिलियत के हैं मायने
पिछले दिनों मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी के ऊपर विपक्षी दलों द्वारा कोई डिग्री न होने को लेकर खिल्ली उड़ायी गयी. ऐसा करनेवाले लोग क्या यह भूल गये कि सत्ता में रहते हुए उन्होंने कितने शिक्षितों को बेरोजगार रख छोड़ा था? हालांकि स्मृति ईरानी ने अपना बचाव करते हुए यह कहा कि ‘मैं नहीं मेरा […]
पिछले दिनों मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी के ऊपर विपक्षी दलों द्वारा कोई डिग्री न होने को लेकर खिल्ली उड़ायी गयी. ऐसा करनेवाले लोग क्या यह भूल गये कि सत्ता में रहते हुए उन्होंने कितने शिक्षितों को बेरोजगार रख छोड़ा था? हालांकि स्मृति ईरानी ने अपना बचाव करते हुए यह कहा कि ‘मैं नहीं मेरा काम बोलेगा’. स्मृति ईरानी महिलाओं के लिए प्रेरणा की स्नेत हैं.
मैक डॉनल्ड्स की वेट्रेस से लेकर केंद्रीय मंत्रिमंडल की सदस्या का उनका सफर प्रेरणादायी है. यही नहीं, 1998 में मिस इंडिया की प्रबल दावेदार से लेकर एकता कपूर के लोकप्रिय धारावाहिक ‘क्योंकि..’ में स्मृति ईरानी द्वारा निभाया गया तुलसी का उनका किरदार आज भी यादगार है. अमेठी में लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने राहुल गांधी को टक्कर दी और लोगों का दिल जीता. डिग्री नहीं, काबिलियत मायने रखती है.
वृंदा साह, देवघर