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भारत ने पाकिस्तान को एक निर्णायक संदेश दिया

शशांक पूर्व विदेश सचिव delhi@prabhatkhabar.in भारतीय वायुसेना ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार करके जो आतंकी कैंपों को ध्वस्त किया है, वह बहुत सराहनीय है और जोश से भर देनेवाला है. वायुसेना की इस कार्रवाई पर पूरे देश को गर्व होना चाहिए. इस कार्रवाई से भारत ने पाकिस्तान को […]

शशांक
पूर्व विदेश सचिव
delhi@prabhatkhabar.in
भारतीय वायुसेना ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार करके जो आतंकी कैंपों को ध्वस्त किया है, वह बहुत सराहनीय है और जोश से भर देनेवाला है.
वायुसेना की इस कार्रवाई पर पूरे देश को गर्व होना चाहिए. इस कार्रवाई से भारत ने पाकिस्तान को बेहद सख्त और निर्णायक संदेश दिया है कि वह अपने यहां पल रहे आतंकी कैंपों को बंद करे. अगर पाकिस्तान और वहां पल-पनप रहे आतंकवाद को सबक नहीं सिखाया गया, तो वे पुलवामा जैसी दुखद घटनाओं को अंजाम देते रहेंगे. इसे पहले उरी में भी उन्होंने ऐसा किया था.
इसके पहले हुए उरी हमले के बाद भारतीय सेना ने जब 29 सितंबर, 2016 को सर्जिकल स्ट्राइक की थी और आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त कर िदया था, तो उस वक्त यह सोचा गया था कि इससे पाकिस्तान कुछ सबक सीखेगा और अपने यहां पल रहे आतंकी ठिकानों को खत्म कर आतंकवाद को खत्म करने में मदद करेगा. लेकिन ऐसा हुआ नहीं, पाकिस्तान की तरफ से आतंकी गतिविधियां और हमले जारी रहे. यह उम्मीद थी शायद वहां इमरान खान के नेतृत्व में नयी सरकार आयी है, तो वह कुछ सख्त कदम उठाते हुए आतंकियों पर लगाम लगाये. लेकिन, ऐसा भी नहीं हुआ और हमने पुलवामा हमले में अपने 40 से ज्यादा जवान खो दिये.
इसलिए भारत को सही समय आने पर इसका जवाब तो देना ही था, लेकिन अपनी ठोस रणनीति के साथ. और इसके लिए आतंकी ट्रेनिंग कैंपों पर फिर से सर्जिकल स्ट्राइक की जरूरत थी, जो इस एयर स्ट्राइक ने पूरी कर दी.
भारतीय वायुसेना ने जिस आतंकी कैंप को ध्वस्त किया है, वहां से ही अरसे से आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जाता रहा है. यह भी खबर थी कि इसी जगह से आतंकी फिर कुछ योजना बना रहे थे, जिसे अब नाकाम करके उनके हौसले को पस्त कर दिया गया है. यह बेहद जरूरी कदम है और देश को भारतीय सेना से बड़ी ही खामोशी के साथ ऐसे कदम की उम्मीद थी. जाहिर है, भारतीय सेना अपने देश की रक्षा-सुरक्षा के लिए हमेशा ही हमारी उम्मीदों पर खरी उतरती आयी है.
मेरे ख्याल में पाकिस्तान में पल रहे आतंकियों को अब एक सख्त संदेश मिल गया है. हालांकि, हमें यहीं नहीं रुक जाना है.भारतीय सेना को अब और भी ज्यादा मुस्तैद-सतर्क रहना होगा और बेहतर रणनीति के साथ तैयारी भी मजबूत रखनी होगी, ताकि पाकिस्तान की तरफ से अगर कोई जवाबी कार्रवाई होती है, तो उसका हमारी सेना मुंहतोड़ जवाब दे सके. यही नहीं, भारतीय सेना को अभी इस बात को भी देखना होगा कि उस क्षेत्र में जहां-जहां भी आतंकियों के ठिकाने हो सकने का अंदेशा है, वहां-वहां नजर बनाये रखे और उन्हें भी खत्म करने की रणनीति बनाये.
हमारे विदेश सचिव विजय गोखले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह पूरी तरह से आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई है और जहां से उन्होंने आतंकी हमले की योजनाएं बनायी थीं, हमारी वायुसेना ने सिर्फ उन्हें ही ध्वस्त किया है, न कि पाक सेना को, न वहां की जनता को. साल 2001 में हुए भारतीय संसद पर हमले के बाद से ही जैश-ए-मुहम्मद संगठन ने अपने हमले के स्तर को दिन-प्रतिदिन बढ़ाता ही जा रहा था.
दरअसल, वह इसलिए अपनी ताकत बढ़ाता जा रहा था, क्योंकि उसे ठीक से कड़ा संदेश नहीं मिल रहा था. इस तरह उनकी हिम्मत बढ़ती गयी थी और उन्होंने पुलवामा जैसी दर्दनाक घटना को अंजाम दे दिया. इसीलिए नियंत्रण रेखा के पार जाकर इस संगठन के ट्रेनिंग कैंपों को ध्वस्त करने और उनकी आतंकी योजनाओं को नाकाम करने की सख्त जरूरत पड़ी, ताकि आगे हम अपने और जवान न खोयें. भारतीय वायुसेना ने यह कर दिखाया है.
हालांकि, इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की तरफ से जिस तरह की प्रतिक्रिया आयी है, उससे यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि उधर से किस प्रकार की कार्रवाई होगी, पाकिस्तान सेना द्वारा कोई कार्रवाई होगी, या फिर आतंकी ही जवाबी कार्रवाई करेंगे. इस बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. फिर भी हमें इस बात के लिए पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए कि हम पाकिस्तान के किसी भी हमले का जवाब अपनी बेहतरीन रणनीति के साथ देंगे, ताकि उसको कोई सबक मिल सके.

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