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पाकिस्तान को किया अलग-थलग
सना हाशमी रणनीतिक विश्लेषक delhi@prabhatkhabar.in भारत ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर एयर स्ट्राइक करके अपना दमखम दिखा दिया है. आतंकवाद के खिलाफ भारत की सेना और सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी है और मोदी सरकार अब आतंकवाद से लड़ने के अपने वादे को पूरा करने की कोशिश की तरफ एक कदम आगे […]
सना हाशमी
रणनीतिक विश्लेषक
delhi@prabhatkhabar.in
भारत ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर एयर स्ट्राइक करके अपना दमखम दिखा दिया है. आतंकवाद के खिलाफ भारत की सेना और सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी है और मोदी सरकार अब आतंकवाद से लड़ने के अपने वादे को पूरा करने की कोशिश की तरफ एक कदम आगे बढ़ चली है.
इस एयर स्ट्राइक का सबसे बेहतरीन पहलू यह है कि यह बात साबित हो गयी है कि भारतीय वायुसेना विश्व की बेहतरीन सेनाओ में एक है और वह अपने देश पर होनेवाले हमलों का करारा जवाब देने के लिए पूरी तरह सक्षम है. भारत ने आतंकियों के ठिकानों पर अचानक हमले करके यह बात साबित कर दिया है कि भारत न आतंकियों से डरता है, न ही पाकिस्तान की धमकियों से.
सीमा पार से हम लगातार हमले झेलते आ रहे हैं, इस बात को पूरी दुनिया अपनी आंखों से देख रही थी और अब भी देख रही है. इसलिए पुलवामा हमले के बाद यह जरूरी हो गया था कि भारत इसका सतर्कता के साथ उचित जवाब दे. पिछले तीन दशकों से पाकिस्तान ने भारत के विरुद्ध एक तरह से अघोषित युद्ध छेड़ रखा था, जो किसी न किसी रूप में अब भी जारी है. इस अघोषित युद्ध में पाकिस्तान इंटेलिजेंस एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तान में छुपे बैठे आतंकवादियों ने भारत को हर तरह से चोट पहुंचायी है. सीमा पर अक्सर हम उसके छद्म युद्ध को देखते रहे हैं. हम अपनी सहनशीलता के चलते उनको चेतावनी देकर ठहर जाया करते थे. लेकिन उरी घटना के बाद हुए पुलवामा हमले ने हमारी सहनशीलता को तोड़ दिया.
इसलिए भारत ने यह बड़ा कदम उठाया है. यह कदम बहुत मुकम्मल है और हमें इसी तरह के मुंहतोड़ जवाब देने के लिए आगे भी तैयार रहना होगा. क्योंकि, पाकिस्तानी वायुसेना के नौशेरा सेक्टर में घुसने का मतलब साफ है कि पाकिस्तान हमको उकसा रहा है. भारतीय सेना ऐसे उकसावे में नहीं आती, बल्कि अपनी सही रणनीतिक योजना के साथ उचित समय पर सैन्य कार्रवाइयों को अंजाम देती है.
एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के बचाव में कोई देश नहीं आया, वह अब अलग-थलग सा पड़ गया है. चीन हमेशा पाकिस्तान का साथ देता है, लेकिन उसने भी पाकिस्तान का नाम न लेते हुए कहा कि आतंकवाद मानवजाति का दुश्मन है.
यही नहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी पुलवामा हमले की निंदा करते हुए यह कहा था कि भारत कुछ बड़ा करेगा. इसका मतलब साफ है कि कोई भी देश पाकिस्तान का साथ तब तक नहीं देगा, जब तक कि वह आतंकवाद को पनाह देना बंद नहीं कर देता.
भारत ने साल 2008 में मुंबई में हुए 26/11 के हमले के बाद से ही भारत के विरुद्ध आतंकवाद को पनाह देने की पाकिस्तानी गतिविधियों को दुनिया के सामने उजागर करने की कोशिश की है. और सकारात्मक बात यह है कि हमें इसमें सफलता भी मिली है. हमें जरूरत थी कि राजनय के साथ सैन्य प्रतिकार भी किया जाये. इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने हिम्मत दिखायी है.
यह बात सच है कि आतंकवाद को इतनी आसानी से खत्म नहीं किया जा सकता है, लेकिन एयर स्ट्राइक जैसी कार्रवाइयों से सेना का मनोबल बढ़ता है और देश के भीतर भी अपनी आंतरिक सुरक्षा को लेकर निश्चिंतता बढ़ती है. एयर स्ट्राइक हमारी रणनीतिक जीत मानी जायेगी, जिसने पाकिस्तान को अलग-थलग करने में एक बड़ी भूमिका निभायी है.
और शायद इसी वजह से पाकिस्तान की वायुसेना, उसके विदेश मंत्रालय और पाक प्रधानमंत्री इमरान खान के बयानों में अच्छा-खासा अंतर भी दिख रहा है. जाहिर है, अलग-थलग पड़ने से पाकिस्तान की घबराहट भी साफ झलकती है, इसलिए वह अब सैन्य कार्रवाइयों को अंजाम दे रहा है. दरअसल, पाकिस्तान को पता है कि उसकी कारगुजारियां दुनिया के सामने आनेवाली हैं. और भारत जवाबी कार्रवाई को तैयार है, इसलिए उसकी घबराहट तो लाजमी है.
आंतरिक सुरक्षा के नजरिये से सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. हालांकि, आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे पर हमें और भी ज्यादा चौकस रहना होगा, क्योंकि यह कदम वायुसेना का था.
देश के अंदर हमें अपने अर्धसैनिक बलों और इंटेलिजेंस को चुस्त-दुरुस्त रखने की अब ज्यादा जरूरत है. खास तौर पर, भारत में छुपे स्लीपर सेल्स को खोजकर उन्हें खत्म करने की सख्त जरूरत है. किसी भी देश की आंतरिक सुरक्षा जितनी मजबूत होगी, वह देश उतना ही सशक्त होगा. यह बात हमारी सरकारें और सेना बखूबी जानती हैं. भारत ने सदैव अपनी आंतरिक सुरक्षा को ज्यादा महत्त्व दिया है. आतंक का सामना हमने हमेशा हिम्मत से किया है. जब-जब बात देश की सुरक्षा पर आती है, तब-तब हमारी सेना ने दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया है.
जहां तक बात संबंधों की है, तो पुलवामा आतंकी हमले से भारत-पाकिस्तान संबंध पटरी से उतर गये हैं. भारत पहले ही पाकिस्तान द्वारा वहां की आतंकी संस्था जैश-ए-मोहम्मद को न रोकने का सबूत दे चुका है.
लेकिन पाकिस्तान इस बात को मान ही नहीं रहा है. इसलिए भारत के पास यही उपाय है कि एक बेहतरीन सैन्य रणनीति के साथ पाकिस्तान की हर क्रिया की प्रतिक्रिया दे. हमें पूरा यकीन है कि भारतीय सेना हमारे यकीन पर खरा उतरेगी.
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