करारा जवाब देने को तैयार

प्रकाश सिंह पूर्व डीजीपी, बीएसएफ delhi@prabhatkhabar.in एक अरसे तक जब भी पाकिस्तान की तरफ से आतंकवादी हमले होते थे, चाहे वह 26/11 मुंबई का हमला हो या फिर संसद पर हुआ हमला हो, तब भारत की तरफ से प्रोटेस्ट होता था, देशभर में सख्त बयान दिये जाते थे और कूटनीतिक एवं राजनीतिक स्तर पर यह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2019 6:57 AM
प्रकाश सिंह
पूर्व डीजीपी, बीएसएफ
delhi@prabhatkhabar.in
एक अरसे तक जब भी पाकिस्तान की तरफ से आतंकवादी हमले होते थे, चाहे वह 26/11 मुंबई का हमला हो या फिर संसद पर हुआ हमला हो, तब भारत की तरफ से प्रोटेस्ट होता था, देशभर में सख्त बयान दिये जाते थे और कूटनीतिक एवं राजनीतिक स्तर पर यह कोशिश होती थी कि किस तरह से पाकिस्तान को दबाया जाये. उसके बाद साल 2016 में भारत एक कदम आगे बढ़ा और उरी हमले के बाद भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक करके पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकियों के लांच पैड को बरबाद कर दिया. इस बार पुलवामा हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने यह कह दिया था कि सेना को खुली छूट है.
उसी का नतीजा इस बार देखने को मिला और वायुसेना ने सीमा पार जाकर हमला कर दिया, जो कि निश्चित रूप से एक एयर स्ट्राइक थी. यहां यह बात जरूर है कि सेना ने यह सब बहुत सोच-समझकर किया होगा कि इसके जवाब में पाकिस्तान भी कोई कदम उठा सकता है. लेकिन हमारी सेना उससे लड़ने में सक्षम है.
हालांकि, अब दोनों तरफ से जवाबी कार्रवाइयां देखने को मिल रही है और भारत ने कल पाकिस्तान के एफ-16 विमान को मार गिराया है. कल हुई इन कार्रवाइयों को देखकर यही लगता है कि पाकिस्तान अब भी नहीं थम रहा है और उसने अपनी जवाबी कार्रवाई को तेज कर दिया है. अब आगे क्या होगा, इस बारे में अभी कुछ ठोस कहना मुश्किल है, लेकिन हमारी सेना हर हाल में मुंहतोड़ जवाब देगी ही देगी.
एयर स्ट्राइक के बाद मेरा अनुमान था कि पाकिस्तान यह सोच रहा था कि पुलवामा के बाद भारत की तरफ से फिर कोई सर्जिकल स्ट्राइक होगी और भारतीय सेना के जवान उसके किसी क्षेत्र में जाकर जमीनी हमला करेंगे.
लेकिन, पाकिस्तान ने सपने में भी यह नहीं सोचा था कि यह सर्जिकल स्ट्राइक जमीनी नहीं होगी, बल्कि हवाई यानी एयर स्ट्राइक होगी और अंतरराष्ट्रीय सीमा का उल्लंघन करके होगी. क्योंकि पाकिस्तान भी यही मानकर चलता रहा है कि भारत ने ऐसा कभी किया नहीं है.
यहां तक कि कारगिल के समय भी जब भारतीय सेनाओं के पास अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने का मौका था, तब भी भारत ने ऐसा नहीं किया, क्योंकि उस समय अमेरिकी दबाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसकी अनुमति नहीं दी थी. इसी बात के मद्देनजर पाकिस्तान कुछ निश्चिंत था.
ऐसा पहली बार हुआ है कि आतंकी हमले के जवाब में भारत की तरफ से एयर स्ट्राइक की गयी है, जिसका पाकिस्तान को बिल्कुल भी अनुमान नहीं था. इससे साफ है कि भारत सरकार की यह एक नयी नीति की शुरुआत है और भारत में एक नये तरह का शासन तंत्र विकसित हो रहा है.
यह एक कड़ा संदेश है पाकिस्तान को कि भारत पर हमला करके वह यह न सोचे कि भारत सिर्फ निंदा करके रह जायेगा. अब भारत हर हमले पर सख्त कार्रवाई करेगा. हालांकि, पाकिस्तान भी अब जवाबी कार्रवाई कर रहा है, जिससे युद्ध की संभावना बलवती हो जाती है. हम किसी भी तरह पीछे हटनेवालों में नहीं हैं, लेकिन युद्ध न ही हो, तो बेहतर है, क्योंकि किसी भी युद्ध के परिणाम बहुत खतरनाक होते हैं.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखें, तो हमारी इस कार्रवाई को कूटनीति के स्तर पर भी सफलता मिली और कुछ चीजें ऐसी हुईं, जिसकी फिलहाल तक उम्मीद नहीं थी.
फिलहाल तक पाकिस्तान पर कोई बड़ा अंतरराष्ट्रीय दबाव नहीं आया है, लेकिन यह उम्मीद की जानी चाहिए कि जल्दी ही अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ेगा और पाकिस्तान को अपने यहां पल रहे आतंकवाद की वजह से डांट सुननी पड़ सकती है. कई बड़े देशों ने पुलवामा हमले की निंदा की थी, लेकिन कोई दबाव नहीं बनाया था. अब उम्मीद है कि वह दबाव बने.
हालांकि, भारत का यह कदम एक खतरनाक और रिस्की कदम था, क्योंकि उस रात अगर हमारा एक जहाज भी पाकिस्तान मार गिराता, तो जीत उसके खाते में चली जाती. वह साफ कहता कि हमें तो कोई नुकसान नहीं हुआ, बल्कि हमने भारत के जहाज को मार गिराकर भारत का काफी नुकसान कर दिया. इस ऐतबार से एयरफोर्स की तारीफ करनी होगी कि उन्होंने बहुत ही खूबसूरती से पाकिस्तान की सीमा में घुसकर हमला किया और फिर वापस भी चले आये.
यह एक बड़ी बहादुरी और होशियारी भरी चाल थी. लेकिन उसकी जवाबी कार्रवाई और फिर हमारे जवाब में हमारे मिग-21 विमान को उसने मार गिराया है, यह हमारे लिए बहुत दुखद है. ऐसे में, अगर जवाबी कार्रवाइयों का सिलसिला आगे और बढ़ता है, तो स्थिति बहुत गंभीर हो सकती है.
हमारी सेना ने रिस्क लेकर यह कदम उठाया है. इसलिए इस कार्रवाई का हमारे लिए बहुत महत्व है. यहां यह बात समझनेवाली है कि अब से पहले जब भी पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की बात आती थी, तो लोग कहते थे कि पाकिस्तान एक परमाणु हथियारों से संपन्न देश है, इसलिए हमें रिस्क नहीं लेना चाहिए. लेकिन, अब यह धारणा टूट गयी है.
हालांकि, इस धारणा के टूटने के अपने जोखिम भी हैं और हार-जीत से ज्यादा जान-माल के नुकसान की चिंता बड़ी है. कोई भी देश यह नहीं चाहता कि युद्ध हो, लेकिन पाकिस्तान ने एेसी स्थितियां पैदा कर दी हैं कि हमें न चाहते हुए भी उसको करारा जवाब देना पड़ रहा है.
पाकिस्तान एक परमाणु हथियारों से संपन्न देश है, इसलिए यह आशंका रहती ही है कि अगर आर-पार युद्ध की हालत बनती है, तो वह इसका इस्तेमाल कर सकता है.
लेकिन, यहां एक बात तय है, अगर पाकिस्तान परमाणु हमला करता है, तो भारत भी उसका मुंहतोड़ जवाब देगा. इससे पाकिस्तान को ही डरना चाहिए, क्योंकि हमले के बाद भी भारत उबर जायेगा, लेकिन अगर हमने परमाणु हमला कर दिया, तो पाकिस्तान नक्शे से मिट जायेगा. भारत में कुछ बरबादी हो सकती है, लेकिन पाकिस्तान का अस्तित्व ही नष्ट हो जायेगा.
अब परमाणु हमले की धमकी से भारत ऊपर उठ गया है. हालांकि, किसी भी तरफ से परमाणु हमला न ही हो, तो बेहतर है, क्योंकि इसके परिणाम बहुत ही घातक हैं. एक देश की पीढ़ियां ही नहीं, बल्कि कई पड़ोसी देशों तक इसका असर होता है. फिर भी हम चिंतित नहीं हैं, क्योंकि हमारी सेना पूरी तरह से तैयार है.
(बातचीत : देवेश)

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