महिलाएं खुद सतर्क रहें

कहने को तो हम आजाद देश में रहते हैं लेकिन ऐसा लगता है कि यहां स्वतंत्रता के अधिकार महिलाओं के लिए लागू नहीं होते. महिलाओं के साथ हो रही अमानवीय घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. नतीजा यह हुआ है कि अब घरवाले ज्यादा सक्रिय हो गये हैं और जो भी थोड़ी-बहुत आजादी महिलाओं को मिली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 1, 2014 3:02 AM

कहने को तो हम आजाद देश में रहते हैं लेकिन ऐसा लगता है कि यहां स्वतंत्रता के अधिकार महिलाओं के लिए लागू नहीं होते. महिलाओं के साथ हो रही अमानवीय घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. नतीजा यह हुआ है कि अब घरवाले ज्यादा सक्रिय हो गये हैं और जो भी थोड़ी-बहुत आजादी महिलाओं को मिली थी, वह भी छीनी जा रही है.

प्रशासन तो सुरक्षा देने में नाकाम साबित हो चुका है, इसलिए महिलाओं के लिए ही नियम बना दिये गये हैं. अकेले कहीं जाने पर, मनमाफिक कपड़े पहनने पर, मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा कर महिलाओं की स्वतंत्रता सीमित करने की कोशिश की जा रही है. यूं तो भारत में महिलाओं को देवी रूप माना गया है, लेकिन देश भर में महिलाओं पर हो रहे अपराधों के कारण उनकी यह छवि कहीं धूमिल हो रही है. महिलाएं खुद में सतर्क रहें.

पायल अरोड़ा, जमशेदपुर

Next Article

Exit mobile version