प्रशासनिक सुधार के लिए तबादला
बिहार में प्रशासनिक सुधार के लिए एक दिन में 954 अधिकारी इधर से उधर किये गये. इतने बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेर बदल में करीब-करीब सभी प्रमुख सेवा के अधिकारी शामिल है. मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने 42 दिनों के कार्यकाल में यह सबसे बड़ा फैसला किया है. पुलिस महानिदेशक पहले ही बदले जा चुके […]
बिहार में प्रशासनिक सुधार के लिए एक दिन में 954 अधिकारी इधर से उधर किये गये. इतने बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेर बदल में करीब-करीब सभी प्रमुख सेवा के अधिकारी शामिल है. मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने 42 दिनों के कार्यकाल में यह सबसे बड़ा फैसला किया है. पुलिस महानिदेशक पहले ही बदले जा चुके हैं.
एके सिन्हा की सेवानिवृत्ति के बाद मुख्यसचिव के पद पर भी बदलाव हुआ. 1982 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अंजनी कुमार सिंह इस माह की पहली तारीख से राज्य के मुख्यसचिव हैं. सचिव और प्रमंडलीय आयुक्त से लेकर कुछ और पदों पर इससे पहले भी फेरबदल हुआ. इस तरह, अब राज्य के मुख्यसचिव और पुलिस महानिदेशक से लेकर करीब-करीब सभी महत्वपूर्ण पदों पर नये अधिकाधियों की तैनाती हुई है. इतने बड़े पैमाने पर तबादले का असर राज्य के खजाने पर चाहे जितना पड़ा हो, राज्य के प्रशासन में इससे बड़े सुधार की उम्मीद की जानी चाहिए.
लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद जो राजनीतिक परिस्थिति बनी थी और जिस तरह से नीतीश कुमार ने स्वेच्छा से मुख्यमंत्री की कुर्सी जीतन राम मांझी को सौंपी थी, उसमें इस तरह के प्रशासनिक बदलाव की संभावनाएं स्वत: निहित थी. दरअसल मिशन 2015 के लिए राज्य में प्रशासनिक सुधार और विकास कार्य को नयी ऊर्जा के साथ गति देने के लिए यह जरूरी था. नीतीश कुमार और अब जीतन राम मांझी सरकार की पहचान सुशासन और विकास है.
इसी पहचान की बदौलत जदयू को अगले विधानसभा चुनाव में उतरना है. हाल में राज्य की कानून व्यवस्था और प्रशासनिक कामकाज के तौर तरीकों को लेकर जनता में कहीं-न-कहीं असंतोष की स्थिति पैदा हुई. यह सरकार की सेहत के लिए ठीक नहीं था. सरकार के पास काम पूरा करने के लिए समय कम है. सब कुछ ठीक ठाक रहा, तो अगले साल नवंबर तक विधानसभा का चुनाव होगा. इतने कम समय में सरकार को विकास और सुशासन के वादों और लक्ष्य को पूरा करने के लिए पूरी गति लाने की जरूरत है. इन तबादलों में अधिकारियों के अनुभवों के बेहतर इस्तेमाल की सरकार की कोशिश भी दिखती है. यह कोशिश कारगर साबित हुई, तो निश्वित रूप से राज्य को इसका लाभ मिलेगा.