भारतीय लोकतंत्र के नायक हैं पत्रकार
पत्रकारिता एक ऐसा पेशा है, जिसमें पैसा, इज्जत, रुतबा और जोखिम भी है. लेकिन, फिर भी पत्रकार हमारे लिए दिन-रात सेवा करते रहते हैं और देश-दुनिया की खबरों से हमें रूबरू भी कराते हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है. इसके बिना हम उन्नति की कल्पना भी नहीं […]
पत्रकारिता एक ऐसा पेशा है, जिसमें पैसा, इज्जत, रुतबा और जोखिम भी है. लेकिन, फिर भी पत्रकार हमारे लिए दिन-रात सेवा करते रहते हैं और देश-दुनिया की खबरों से हमें रूबरू भी कराते हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है.
इसके बिना हम उन्नति की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. चाहे वह उन्नति देश की हो या समाज की और यही कारण है कि पत्रकारिता आज भी युवाओं की पहली पसंदीदा पेशा है. भारतीय सेना के बाद पत्रकार ही नायक हैं और देश-सेवा में भारतीय सेना की तरह इनका भी योगदान रहा है.
कुमार किशन कीर्ति, जादोपुर, बलुवाटोला (गोपालगंज)