आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करना अनुचित

कुछ लोगों की फितरत रहती है कि येन-केन-प्रकारेण चर्चा में बने रहने के लिए कब क्या करना है. अब जबकि चुनाव आयोग ने वर्तमान लोकसभा का सत्र समाप्त होने से पहले सरकार गठन के लिए चुनाव की तिथि की घोषणा कर दी है तो बहुत से विरोधी पवित्र रमजान के महीने में चुनाव की दुहाई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 13, 2019 5:53 AM
कुछ लोगों की फितरत रहती है कि येन-केन-प्रकारेण चर्चा में बने रहने के लिए कब क्या करना है. अब जबकि चुनाव आयोग ने वर्तमान लोकसभा का सत्र समाप्त होने से पहले सरकार गठन के लिए चुनाव की तिथि की घोषणा कर दी है तो बहुत से विरोधी पवित्र रमजान के महीने में चुनाव की दुहाई को लेकर राजनीति कर रहे हैं.
चुनाव आयोग द्वारा बार-बार कहा जा रहा है कि शुक्रवार, रविवार एवं छुट्टी के दिन को छोड़कर चुनाव की तारीख रखी गयी है, परंतु कुछ लोग चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न खड़ा रहे हैं, जो उचित नहीं है. चुनाव आयोग का अपना एक प्रोटोकॉल होता है, जिसके तहत समय पर चुनाव संपन्न कराना उसकी बाध्यता है. किसी भी बात में राजनीतिक रोटी सेंकने वाले सतर्क हो जाएं. जनता मौन है, पर सब देख रही है.
डॉ हरि गोविंद प्रसाद, बेगूसराय

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