नशे की गिरफ्त में जाने से युवाओं को बचाएं

पश्चिमी सभ्यता ने हमारे देश को किस तरह अपनी ओर आकर्षित किया, इससे सभी भलीभांति परिचित हैं. इसकी ओर देश के युवा सबसे अधिक आकर्षित होते हैं और अपनी भारतीय संस्कृति छोड़ पाश्चात्य संस्कृति के पीछे भागते हैं. नशाखोरी भी इसी का उदाहरण है. भारत देश की बड़ी व मुख्य समस्याओं में से एक युवाओं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 25, 2019 6:03 AM
पश्चिमी सभ्यता ने हमारे देश को किस तरह अपनी ओर आकर्षित किया, इससे सभी भलीभांति परिचित हैं. इसकी ओर देश के युवा सबसे अधिक आकर्षित होते हैं और अपनी भारतीय संस्कृति छोड़ पाश्चात्य संस्कृति के पीछे भागते हैं.
नशाखोरी भी इसी का उदाहरण है. भारत देश की बड़ी व मुख्य समस्याओं में से एक युवाओं में फैलती नशाखोरी भी है. देश की जनसंख्या आज 125 करोड़ के पार होती जा रही है.
इस जनसंख्या का एक बड़ा भाग युवा वर्ग का है. नशा एक ऐसी समस्या है, जिससे नशा करने वाले के साथ उसका परिवार भी बर्बाद हो जाता है. इंसान को इस दलदल में एक कदम रखने की देर होती है. फिर तो नशे की दलदल में धंसते चले जायेंगे. नशे के आदि इंसान चाहने के बाद भी नहीं छोड़ पाता.
मो सबीउद्दीन, अंधराठाढ़ी (मधुबनी)

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