सरकारी स्कूलों के जर्जर भवनों की जल्द हो मरम्मत

काफी प्रयास के बाद बिहार में स्कूली शिक्षा में सुधार हुआ है. सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ी है. इससे वंचित समाज के लोगों को लाभ भी मिला है, लेकिन कई स्कूलों के भवन अब भी जर्जर हैं. इसके कारण इनक स्कूलों को दूसरे स्कूल के साथ जोड़ दिया गया है. इससे बच्चों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 29, 2019 6:48 AM
काफी प्रयास के बाद बिहार में स्कूली शिक्षा में सुधार हुआ है. सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ी है. इससे वंचित समाज के लोगों को लाभ भी मिला है, लेकिन कई स्कूलों के भवन अब भी जर्जर हैं. इसके कारण इनक स्कूलों को दूसरे स्कूल के साथ जोड़ दिया गया है. इससे बच्चों को परेशानी होती है, क्योंकि उनका स्कूल गांव के काफी दूर है.
अतः भवनहीन या क्षतिग्रस्त का हवाला देकर उसे दूसरे स्कूल में स्थानांतरित करना कहीं से उचित नहीं है. प्रशासन व सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए. कुकुरमुत्ते की तरह उग रहे निजी शिक्षण संस्थान अभिभावकों का आर्थिक व मानसिक शोषण कर रहे हैं. इस पर नकेल कसने के लिए सरकार को स्कूलों की व्यवस्था को दुरुस्त करनी होगी. वरना सर्व शिक्षा अभियान पर ग्रहण लग जायेगा.
आनंद पांडेय, रोसड़ा (समस्तीपुर)

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