543 सीटों में 62 महिला सांसद, कैसे होंगी सशक्त
लोकसभा व विधानसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व आज भी पर्याप्त संख्या में नहीं है. इसी से पता चल जाता है कि सब बातें सिर्फ वोट के लिए की जाती है. शुरुआत से ही महिलाओं की संख्या कम रही है. महिला को समानता और स्वतंत्रता की बातें, उन्हें आरक्षण देने की बाते और समाज में समान […]
लोकसभा व विधानसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व आज भी पर्याप्त संख्या में नहीं है. इसी से पता चल जाता है कि सब बातें सिर्फ वोट के लिए की जाती है.
शुरुआत से ही महिलाओं की संख्या कम रही है. महिला को समानता और स्वतंत्रता की बातें, उन्हें आरक्षण देने की बाते और समाज में समान अधिकार देने की बातें कई बार की जाती हैं. जनगणना के अनुसार भारत में महिलाएं कुल जनसंख्या का करीब 48 फीसदी हैं.
मगर महिला मतदाताओं की संख्या राज्य विधानसभा में महज सात से आठ फीसद है. अगर संसद में उनकी भागीदारी की बात की जाये, तो पांच 543 सीटों में 62 महिला सांसद हैं. महिलाओं को सशक्त करने व बराबरी की बात करने वाले दलों की असलियत टिकट वितरण करते समय आ जाता है. राजनीति के क्षेत्र में महिलाएं शुरू से ही पिछड़ी हुई हैं.
रवि रंजन, लखीसराय