देश की शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव की जरूरत

आज हमारा देश विभिन्न दृष्टि से विकास की ओर अग्रसर है, परंतु हमारी शिक्षा व्यवस्था में बड़े परिवर्तन की आवश्यकता है, ताकि बच्चों का चारित्रिक व उनका नैतिक विकास हो. वे दूसरों के सुख-दुख में सहभागी बनते हुए अपने कौशल क्षमता का बेहतर विकास कर सकें और विज्ञान और टेक्नोलॉजी के इस युग में शिक्षा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 8, 2019 5:42 AM
आज हमारा देश विभिन्न दृष्टि से विकास की ओर अग्रसर है, परंतु हमारी शिक्षा व्यवस्था में बड़े परिवर्तन की आवश्यकता है, ताकि बच्चों का चारित्रिक व उनका नैतिक विकास हो.
वे दूसरों के सुख-दुख में सहभागी बनते हुए अपने कौशल क्षमता का बेहतर विकास कर सकें और विज्ञान और टेक्नोलॉजी के इस युग में शिक्षा के माध्यम से समाज और देश का विकास कर सकें. हमारी शिक्षा पद्धति प्राचीन व पाश्चात्य शिक्षा पद्धति से प्रभावित है.
किंतु, समय की मांग है कि हम अपने चिंतन और विचार को इस रूप में परिमार्जित करें, इस रूप में बदलाव लाने की कोशिश करें कि आने वाली पीढ़ी सभ्य और सुसंस्कृत समाज का निर्माण कर सकें. हालांकि सरकार इस दिशा में प्रयासरत है व सरकारी सुविधाएं स्कूल और कॉलेजों को दी जा रही हैं. किंतु, वह सुविधाएं पर्याप्त नहीं है.
एमके मिश्रा, मां आनंदमयीनागर, रातू (रांची)

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