वायनाड से चुनाव लड़ कर क्या संदेश देना चाहते हैं राहुल

अमेठी में चुनौती कठिन होती देख राहुल गांधी ने अपने लिए एक सुरक्षित निर्वाचन क्षेत्र की तलाश में वायनाड का चयन किया है. लेकिन, उन्हें यह आभास होना चाहिए कि यहां उन्हें कांग्रेस के सहयोगी दल इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के समर्थन के भरोसे रहना होगा. आखिर ऐसे दल के समर्थन से चुनाव लड़कर वह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 9, 2019 6:54 AM

अमेठी में चुनौती कठिन होती देख राहुल गांधी ने अपने लिए एक सुरक्षित निर्वाचन क्षेत्र की तलाश में वायनाड का चयन किया है. लेकिन, उन्हें यह आभास होना चाहिए कि यहां उन्हें कांग्रेस के सहयोगी दल इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के समर्थन के भरोसे रहना होगा. आखिर ऐसे दल के समर्थन से चुनाव लड़कर वह कांग्रेस के सेक्युलर होने के दावे को मजबूती कैसे दे सकते हैं? नि:संदेह यह पहली बार नहीं, जब किसी कांग्रेस अध्यक्ष ने दक्षिण भारत से चुनाव लड़ा हो.

इसके पहले इंदिरा गांधी चिकमंगलूर और सोनिया गांधी बेल्लारी से चुनाव लड़ चुकी हैं. राहुल गांधी इनमें से किसी सीट का चयन कर सकते थे. कर्नाटक की सत्ता में तो कांग्रेस साझीदार भी है. वायनाड से चुनाव लड़ने के फैसले का मूल कारण जानना एक पहेली ही है. कहना कठिन है कि वायनाड के जरिये कांग्रेस ने अपनी चुनावी रणनीति को एक पहेली का जो रूप दिया, उससे उसे क्या हासिल होगा?

डाॅ हेमंत कुमार, गोराडीह, भागलपुर

Next Article

Exit mobile version