धनकड़ जी, हमारी बेटियां फेंकी थोड़े हैं
।। बृजेंद्र दुबे ।। प्रभात खबर, रांची बचपन में प्रताप नारायण मिश्र का एक लेख कोर्स में पढ़ा था ‘बात में बात.’ आज देश में करीब-करीब वही हालात हैं. नरेंद्र मोदी जी 7-रेसकोर्स रोड के प्रधानमंत्री आवास में जाकर मनमोहन की तरह मौन हो गये हैं, तो उनके नेता बेलगाम. जिसकी जो मरजी, बोल दे […]
।। बृजेंद्र दुबे ।।
प्रभात खबर, रांची
बचपन में प्रताप नारायण मिश्र का एक लेख कोर्स में पढ़ा था ‘बात में बात.’ आज देश में करीब-करीब वही हालात हैं. नरेंद्र मोदी जी 7-रेसकोर्स रोड के प्रधानमंत्री आवास में जाकर मनमोहन की तरह मौन हो गये हैं, तो उनके नेता बेलगाम. जिसकी जो मरजी, बोल दे रहा है. इन नेताओं को लोक-लाज का कोई डर नहीं है.
माइक पकड़ा और शुरू हो गये. अनाप-शनाप बकते ही समर्थक भी तालियां बजा कर उनका मनोबल बढ़ाते हैं. ताजा कड़ी में हरियाणा के एक नेता ओम प्रकाश धनकड़ तो सारी सीमा ही लांघ गये. धनकड़ साहब कहते हैं कि हरियाणा में होनेवाले विधानसभा चुनाव में लोग अगर भाजपा की सरकार बनवाते हैं, तो राज्य का कोई बंदा कुंवारा नहीं रहेगा. हरियाणा वालों तुम मुङो वोट दो, मैं तुम्हें दुल्हन दिलाऊंगा. धनकड़ कोई मामूली आदमी नहीं हैं कि ऐसे ही बोल गये. भाजपा के किसान प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और पार्टी की तरफ से हरियाणा में सीएम पद के दावेदार भी बन सकते हैं.
धनकड़ से किसी ने पूछा कि आखिर कुंआरों को लड़कियां कहां से मिलेंगी, तो उन्होंने तपाक से जवाब दिया.. क्यों चिंता करते हो भाई, देश के गरीब राज्यों यूपी, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओड़िशा की लड़कियों से हरियाणा के कुंआरों की शादी करवा देंगे. गजोधर ने मुझको एक सांस में यह न्यूज बुलेटिन सुनाते हुए कहा, आप लोगों को संदेह था कि अच्छे दिन नहीं आयेंगे. अब शुरुआत हो चुकी है. सोचिए, जिस कुंआरे की सरकार शादी करवायेगी उसके तो अच्छे दिन आ ही जायेंगे. मैंने कहा, गजोधर भाई, धनकड़ ने कह दिया और आप खुश! बेटियां, गरीब राज्यों में फेंकी हुई थोड़े ही हैं.. कि किसी ऐरे-गैरे के गले बांध दी जायें.
हर मां-बाप अपनी बेटी की शादी बहुत सोच-विचार कर करता है. गजोधर बोले, अरे यार मैं तो मजाक कर रहा था. सच तो यह है कि सत्ता में आने के बाद नेता बेलगाम हो ही जाते हैं. उनके चाल-ढाल के साथ उनकी भाषा और तमीज भी बदल जाती है. मैंने तो सुना है कि भगवान राम ने वन जाते समय पत्थर को नारी अहिल्या बनाया था, तो विंध्य के अधिसंख्य कुंआरे लोग खुश हो गये थे और बोले थे कि रामजी हमारी तरफ भी आ जाओ और सभी पत्थरों को छूकर नारी बना दो.. जिससे हम लोगों की शादी हो सके.
लेकिन ये तो रामायण की कथा है. धनकड़ को पता होना चाहिए कि जिन गरीब राज्यों की बेटियों से हरियाणा के कुंआरों की वह शादी करवाने की बात कर रहे हैं.. वहीं से भाजपा को इतनी सीटें मिली कि उसे दिल्ली की गद्दी मिल गयी. यूपी-बिहार के लोग भूखे रह सकते हैं लेकिन सम्मान से खिलवाड़ सहन नहीं कर सकते. गरीब रह कर मान-सम्मान की रक्षा करना जिसे सीखना हो, इन राज्यों में आकर सीख सकता है. हरियाणा के इस हालात के लिए जिम्मेदार कौन है? क्या कभी धनकड़ जैसे जिम्मेदार नेता इस पर गंभीरता से सोचते हैं.