छात्र राजनीति से दूर क्यों रहें
दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज एक बार फिर चर्चा में है. प्रिंसिपल मनोज खन्ना जी छात्रों को नसीहत दे रहे हैं की वार्षिक पत्रिका ‘आनंद पर्वत’ में छात्रों को किस विषय पर लिखना है और किस पर नहीं लिखना है. मजेदार बात यह है कि वही लिखने का विषय भी सुझा रहे हैं. विश्व अर्थशास्त्र, […]
दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज एक बार फिर चर्चा में है. प्रिंसिपल मनोज खन्ना जी छात्रों को नसीहत दे रहे हैं की वार्षिक पत्रिका ‘आनंद पर्वत’ में छात्रों को किस विषय पर लिखना है और किस पर नहीं लिखना है.
मजेदार बात यह है कि वही लिखने का विषय भी सुझा रहे हैं. विश्व अर्थशास्त्र, पर्यावरण, विज्ञान एवं समाज पर लिखने को कहा जा रहा है. राजनीति से दूर रहने का फरमान सुनाया गया है. इसके लिए तर्क दिया जा रहा है कि कॉलेज परिसर को गंदी राजनीति से दूर रखना है.
अगर राजनीति से ही परहेज जरूरी है, तो फिर छात्र संघ का चुनाव क्यों करवाया जाता है? हमें कैसा विकास चाहिए, कैसी नौकरी चाहिए, देश का व्यापार कैसे होगा, सड़क कब बनेगी और कितनी लंबी-चौड़ी बनेगी, बिजली बिल की दर कितनी होगी, यह सब तय करने का अधिकार जब राजनीतिज्ञों के पास है, तो फिर विद्यार्थियों से क्यों कहा जा रहा है?
जंग बहादुर सिंह, गोलपहाड़ी, जमशेदपुर