इवीएम पर हंगामा बेमानी
चुनाव आते ही इवीएम पर अंतहीन तकरार शुरू हो चुकी है, जो इनके नतीजे आने के बाद तो पूरे उबाल पर रहेगी. जो भी पार्टी हारेगी, ठीकरा इवीएम पर फोड़ेगी. यह सब तब है, जब प्रत्याशी और दल इवीएम से चुनाव कराने को सहमति दे चुके हैं. अनेक अवसरों पर निर्वाचन आयोग ने इवीएम हैक […]
चुनाव आते ही इवीएम पर अंतहीन तकरार शुरू हो चुकी है, जो इनके नतीजे आने के बाद तो पूरे उबाल पर रहेगी. जो भी पार्टी हारेगी, ठीकरा इवीएम पर फोड़ेगी. यह सब तब है, जब प्रत्याशी और दल इवीएम से चुनाव कराने को सहमति दे चुके हैं.
अनेक अवसरों पर निर्वाचन आयोग ने इवीएम हैक किये जाने की प्रक्रिया प्रस्तुत करने की चुनौती दी हैं, किन्तु आरोप लगाने वाला कोई भी योद्धा इसे स्वीकार नहीं कर सका है. ऐसा नहीं है कि मतदान में गड़बड़ी के आरोप इवीएम आने के बाद लगे हैं.
बैलेट से चुनाव होने पर भी गड़बड़ियों के आरोप सत्ताधारी दल पर लगते रहे हैं. भारत में जितने चुनाव-सुधार हुए हैं, उतने कहीं भी नहीं हुए. पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन ने अपने कार्यकाल में विभिन्न चरणों में चुनाव कराके बूथ कैप्चरिंग और चुनावी हिंसा पर लगाम लगायी थी, तब भी अनेक दलों और नेताओं के पेट में मरोड़ उठे थे.
सतप्रकाश सनोठिया, रोहिणी