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अंपायरों ने किया निराश
आइपीएल के मौजूदा सत्र में अंपायरों ने अपनी अंपायरिंग से काफी निराश किया है. हम सब जानते हैं कि आइपीएल भारत का पेशेवर टी-20 लीग है. भारत के साथ-साथ अन्य देशों में इसे काफी उत्साह और रोमांच के साथ देखा जाता है. ऐसे में अंपायरों को चाहिए कि वे गंभीरता से सोच-समझ कर अपना निर्णय […]
आइपीएल के मौजूदा सत्र में अंपायरों ने अपनी अंपायरिंग से काफी निराश किया है. हम सब जानते हैं कि आइपीएल भारत का पेशेवर टी-20 लीग है.
भारत के साथ-साथ अन्य देशों में इसे काफी उत्साह और रोमांच के साथ देखा जाता है. ऐसे में अंपायरों को चाहिए कि वे गंभीरता से सोच-समझ कर अपना निर्णय दें, क्योंकि उनके एक निर्णय में खेल का सीधा एक पक्ष से दूसरे पक्ष में जाने की संभावना होती है.
पिछले मैचों में इसके कई उदाहरण हैं, जिनमें चेन्नई और राजस्थान का एक मैच था, जिसमें मुख्य अंपायर द्वारा बेन स्टाॅक्स के अंतिम ओवर के एक बाॅल को नो बाॅल दिया गया, परंतु लेग अंपायर के द्वारा उसे फिर नकारा गया, जबकि नियनानुसार ऐसे में उन्हें तीसरे अंपायर के पास जाना चाहिए था.इससे पहले भी मुंबई और बेंगलुरु के एक मैच में अंतिम गेंद नो बाॅल होने के बावजूद उसे नो बाॅल नहीं दिया गया.
शुभम गुप्ता, धनबाद
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